जीन्द: साध्वियों से रेप मामले में सजा काट रहे राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत और सुखदीप कौर की न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर सोमवार को दोनों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अंबाला जेल से सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। पंचकूला हिंसा के मामले में आरोपी हनीप्रीत और सुखदीप कौर की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है। मामले की अगली सुनवाई 6 नवंबर को होगी। इस दौरान दंगे और आगजनी से जुड़े दूसरे अभियुक्त भी कोर्ट में पेश हुए।

उल्लेखनीय है कि 13 अक्टूबर को कोर्ट ने हनीप्रीत और सुखदीप को 10 दिन की न्यायिक हिरासत में अंबाला जेल भेजा था। 38 दिनों तक फरार रहने के बाद पकड़ी गई हनीप्रीत से पंचकूला पुलिस कई राज उगलवाने में असफल रही थी। रिमांड के दौरान भी हनीप्रीत पुलिस को गुमराह करती रही थी। हनीप्रीत ने एसआईटी को इतना जरूर बताया था कि उसके पास एक मोबाइल और लैपटॉप था, जिसे पंचकूला की घटना के बाद डेरा चेयरपर्सन विपासना इंसा को सौंप दिया था। इसके अलावा विपासना के पास हनीप्रीत की डायरी मौजूद है, जिसमें डेरे से जुड़ी घटनाओं और लेन-देन का ब्यौरा मौजूद है।

पंचकूला पुलिस के मुताबिक हनीप्रीत ने ये भी कबूला था कि 17 अगस्त को सिरसा डेरे में हुई मीटिंग की अध्यक्षता उसी ने की। इसी मीटिंग से पंचकूला में दंगे करवाने की साजिश शुरू हुई। बता दें कि 13 अक्टूबर को पुलिस रिमांड अवधि खत्म होने के बाद हनीप्रीत को पंचकूला कोर्ट ने उसे 10 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया था। सोमवार को पेशी के बाद फिर से हनीप्रीत की न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ा दी गई है।

डेरा सच्चा सौदा की चेयरपर्सन विपासना इंसा सोमवार को भी पूछताछ के लिए पंचकूला नहीं पहुंची। इससे पहले भी पूछताक्ष के लिए बुलाए जाने पर वह स्वयं नहीं पहुंची बल्कि मेडिकल भेजकर जांच से किनारा करती रही है। अब विशेष जांच टीम(एसआइटी) खुद सिरसा जाकर उससे पूछताछ कर सकती है। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक डॉ. बीएस संधू ने कहा कि विपासना से उम्मीद है कि वह सहयोग करेगी।

पुलिस हनीप्रीत सहित अन्य लोगों की कॉल डिटेल निकलवा रही है। हनीप्रीत ने कब किससे कितनी देर बात की, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। हनीप्रीत के साथ ही विपासना की कॉल डिटेल भी निकलवाई जा सकती है।

डेरा सच्चा सौदा में दबिश करने के लिए आयकर विभाग को अभी कुछ और दिनों का इंतजार करना होगा। डेरे की संपत्ति की जांच के लिए सीजेएम कोर्ट में लगाई गई अर्जी पर सुनवाई को 30 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया है।