नई दिल्ली : सलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कुमार ने पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए शुक्रवार को कानून मंत्रालय को इस्तीफा भेजा। यह देश का दूसरा सबसे वरिष्ठ विधि अधिकारी का पद है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रंजीत कुमार व्यक्तिगत और पारिवारिक वजहों का हवाला देते हुए सॉलिसिटर जनरल के पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। हालांकि, सरकार द्वारा कुमार के इस्तीफे को मंजूर किया है या नहीं अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। रंजीत कुमार यह जिम्मेदारी बीते तीन वर्षों से अधिक समय से संभाल रहे थे।

रंजीत कुमार ने हमारे सहयोगी को बताया कि वह परिवार के सदस्यों की कुछ स्वास्थ्य समस्याओं पर ध्यान नहीं दे पा रहे थे। सलिसिटर जनरल अपने व्यस्त शेड्यूल की वजह से अपने परिवार को समय नहीं दे पा रहे थे इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि सलिसिटर जनरल के रूप में उनका अनुभव शानदार रहा और सरकार के व्यवहार से वह पूरी तरह संतुष्ट हैं।

संवैधानिक कानूनों के विशेषज्ञ माने जाने वाले सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार को मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद जून 2014 में सलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया था। उनका दूसरा कार्यकाल हाल ही में शुरू हुआ था।। वह कई मुकदमों में गुजरात सरकार की पैरवी कर चुके हैं। अटॉर्नी जनरल, सलिसिटर जनरल और अडिशनल सलिसिटर जनरल विभिन्न अदालतों में सरकार की पैरवी करते हैं और पेचीदा मसलों पर कानूनी सलाह देते हैं।

कुछ महीने पहले यह चर्चा थी कि उच्चतम न्यायालय की कोलेजियम शीर्ष अदालत के न्यायाधीश पद के लिए उनके नाम पर विचार कर रही है। हाल ही में, वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अटॉर्नी जनरल के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने सरकार को लिखे पत्र में कहा था कि अटार्नी जनरल के रूप में दूसरे कार्यकाल में उनकी दिलचस्पी नहीं है।