टाटा क्लासएज- सीएमएस लखनऊ ने MoU पर किये हस्ताक्षर

लखनऊ: भारत में, यह पहला अवसर है जब कि टाटा क्लासएज ने क्लास रूमों में टैक्नोलाॅजी को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए मेज़रमेंट-ड्रिवन माॅडल, मेट ( मैनेज्ड एडाॅप्शन आॅफ टैक्नोलाॅजी इन एजुकेशन) को पेश किया है। मेट ( मैनेज्ड एडाॅप्शन आॅफ टैक्नोलाॅजी इन एजुकेशन) को 877 सिटी मोंटेसरी क्लास रूमों में लाग किया जाएगा और यह दुनिया में अपनी तरह के सबसे बड़े प्रयासों में से है।

मेट (मैनेज्ड एडाॅप्शन एजुकेशन)स्कूलों के लिए ऐसा मंच है जो उन्हें डेटा आधारित फीडबैक लूपों के माध्यम से, अपनी टीचिंग-लर्निंग प्रक्रियाओं में सुधार लाने का अवसर प्रदान करता है। टाटा क्लासएज और सीएमएस के बीच इस सहयोगात्मक साझेदारी के चलते, मेट ऐसी संपूर्ण सेवा के तौर पर काम करेगा जिसमें टाटा क्लासएज शिक्षकों के प्रशिक्षण के साथ-साथ क्लास रूमों में शिक्षकों द्वारा टैक्नोलाॅजी को स्वीकार करने, अपनाने और उनके प्रभावी इस्तेमाल की संपूण जिम्मेदारी लेगा।

सीएमएस गोमतीनगर में आयोजित भागीदारी क्रायक्रम के इस अवसर पर नीरव खंभाती, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, टाटा क्लासएज ने कहा, ’’हम पिछले चार वर्षों से सीएमएस लखनऊ के साथ संबद्ध हैं | शिक्षकों तथा हमारी शोध टीम से मिले फीड बैक के बाद हमने मेट को, जो कि टैक्नोलाॅजी आधारित टीचिंग तथा लर्निंग प्रक्रिया में सुधार लाने वाली साक्ष्य आधारित प्रणाली है, लागू करने का फैसला किया। पिछले कुछ वर्षों में हमने डेटा के इस्तेमाल की प्रक्रिया को कई तरह से मजबूत बनाया है और इसके तहत् देशभर में, एक लाख से अधिक शिक्षक इस प्रणाली का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह डेटा क्लास रूमों में टैक्नोलाॅजी के बेहतर इस्तेमाल के लिए महत्वपूर्ण जानकारी देता है ताकि अधिक प्रभावषाली और पर्सनालाइज़्ड इंटरवेंशन की प्रक्रिया को तैयार किया जा सके।‘‘

इस साझेदारी के बारे में प्रोफेसर गीता गांधी किंगदाॅन, प्रेसीडेंट एवं सीओओ, सीएमएस ने कहा, ’’सिटी मोंटेसरी स्कूल (सीएमएस) हर क्लास रूम में इंटरेक्टिव व्हाइट बोर्ड के माध्यम से षिक्षा प्रदान करने के मोर्चे पर अग्रणी रहा है। हम टाटा क्लासएज के साथ भागीदारी करते हुए खुषी महसूस कर रहे हैं।उनके उत्पादों में शानदार आॅफ-द-शैल्फ कन्टेंट है जो शिक्षकों को नियंत्रण देता है और साथ ही उन्हें प्रदान करता है शिक्षण के उपकरण- यह छात्रों के स्तर पर ’लर्निंग‘ को बढ़ावा देने वाली ’समुचित टैक्नोलाॅजी‘ का उदाहरण है।‘‘