लखनऊ: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने देश के सामने इस कड़वे सच को स्वीकार कर उपकार किया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ’’बोलने वाले प्रधानमंत्री हैं’ जबकि विपक्षी पार्टियाँ व आमजनता की भी यही शिकायत है कि देश में समय सिर्फ बोलने वाला प्रधानमंत्री है काम वाला नहीं और देश को काम करकेे दिखाने वाले प्रधानमंत्री की सख़्त ज़रूरत है ताकि जानलेवा महंगाई, बढ़ती हुई बेरोजगारी, अपार ग़रीबी, बद्तर शिक्षा व स्वास्थ्य के साथ-साथ कानून-व्यवस्था के मामले में अराजकता के अभिशाप से लोगों को मुक्ति मिल सके।

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के कल उत्तर प्रदेश दौरे के दौरान् दिये गये भाषणों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये मायावती ने अपने बयान में कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह पहला मौका है जब देश का प्रधानमंत्री सिर्फ एकतरफा तौर पर अपनी बात कहने में विश्वास रखता है और उसके लिये सरकारी माध्यमों व संसाधनों का केवल अपने लिये इस्तेमाल करना पसंद करता है तथा सरकारी शक्ति का दुरुपयोग करके विपक्ष की बातों के साथ-साथ स्वतंत्र व निष्पक्षता को हर प्रकार से दबाने का प्रयास करता है फिर भी बीजेपी एण्ड कम्पनी का यह कहना है कि उसने देश को बोलने वाला प्रधानमंत्री दिया है। लेकिन मूल प्रश्न यह है कि ऐसा केवल बोलने वाला प्रधानमंत्री देश के गरीबों, मजदूरांे, किसानों, बेरोजगार युवकों, छोटे व मझोले व्यापारियों के साथ-साथ अन्य मेहनतकश लोगों के किस काम का जो उन वर्गों की समस्या का समाधान करने के बजाय उनके जीवन को और ज्यादा नरक कर रहा है।

कुछ इसी ही पैटर्न पर उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार भी चल रही है, जिसकी कथनी और करनी में बड़ी खाई जैसा अन्तर है। खासकर अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यवस्था के मामले में तो स्थिति लगातार बदतर होती जा रही है क्योंकि खुद सत्ताधारी पार्टी के लोग हर प्रकार के अपराध में लिप्त पाये जा रहे हैं। ऐसे में मा. मुख्यमंत्री स्तर पर समीक्षा भी बेमायने होकर रह गई लगती है क्योंकि जनता को इससे कोई भी राहत नहीं मिल पा रही है।