नई दिल्ली: 2019 के आम चुनावों को लेकर कांग्रेस काफी महीन रणनीति तैयार कर रही है। इस बार राहुल गांधी नरेन्द्र मोदी को मात देने के लिए ‘अमेरिकी हथियार’ का इस्तेमाल करने वाले हैं। माीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राहुल गांधी आम चुनाव में एक अमेरिकी फर्म की सेवाएं लेने वाले हैं। कैंब्रिज ऐनालिटिका नाम की इस अमेरिकी फर्म की सेवाएं 2016 में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ली थी और शुरुआत में इस रेस में पिछड़ने के बावजूद सही मतदाताओं को सही संदेश के साथ टारगेट कर राष्ट्रपति चुनाव में शानदार जीत दर्ज की थी। कैंब्रिज ऐनालिटिका डाटा विश्लेषण की माहिर कंपनी है। ये कंपनी सोशल मीडिया और इंटरनेट के आंकड़ों का अध्ययन कर यह पता लगाती है कि लोगों के लिए मुद्दे क्या हैं? उनकी पसंद-नापसंद क्या क्या है? डाटा एनालिसिस के लिए ये कंपनी सोशल मीडिया, आॉनलाइन सर्च, ईमेल, और शॉपिंग वेबसाइट को खंगालती है। इन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कंपनी के एक्सपर्ट को कंजूमर बिहैवियर की सटीक जानकारी मिलती है, फिर वो ये तय करते हैं कि किसी खास चुनाव में लोगों का एजेंडा क्या है? और वे अपने नेताओं, जन प्रतिनिधियों में क्या खास क्वालिटी देखना चाहते हैं। इसी विश्लेषण के आधार पर नेता अपनी रणनीति बनाते हैं। ताकि वोटरों को लुभाया जा सके। अमेरिकी चुनाव के अलावा ब्रेजिक्ट पोल के दौरान भी ये कंपनी अपने डाटा एनालिटिक्स का करिश्मा दिखा चुकी है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक कैंब्रिज ऐनालिटिका के सीईओ एलेक्जेंडर निक्स इस बावत कई बार कांग्रेस के नेताओं से मिल चुके हैं, और उन्हें अपने काम का प्रजेंटेशन और 2019 चुनाव के लिए अपनी रणनीति बता चुके हैं। खबरों के मुताबिक एलेक्जेंडर निक्स ने बताया है कि मतदाताओं को कैसे ऑनलाइन रिझाया जा सकता है। हाल में ही हुआ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का अमेरिकी दौरा भी इसी घटनाक्रम की एक कड़ी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कैंब्रिज ऐनालिटिका ने कांग्रेस पार्टी के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया है। इसका इस्तेमाल डाटा इक्ट्ठा करने और रणनीति तैयार करने में किया जाएगा।