इस्लामाबाद: पाकिस्तान की भ्रष्टाचार रोधी अदालत ने अपदस्थ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी और दामाद को पनामा पेपर्स घोटाले में सोमवार को जमानत दे दी। जवाबदेही अदालत में पेश होने के लिए शरीफ की 43 वर्षीय बेटी मरियम नवाज अपने पति एवं सेना के पूर्व कैप्टन मोहम्मद सफदर के साथ रविवार रात स्वदेश लौटी थीं। अदालत ने भ्रष्टाचार के मामलों में सफदर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। ऐसे में उन्हें यहां पहुंचने पर
सोमवार को मरियम और सफदर न्यायाधीश मोहम्मद बशीर की अदालत में अलग-अलग पेश हुए। राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के वकीलों ने सफदर को न्यायिक हिरासत में भेजने का आग्रह किया, लेकिन अदालत ने उन्हें जमानत देकर 50 हजार रुपये का मुचलका जमा करने का आदेश दिया। अदालत ने सफदर का पासपोर्ट जब्त करने का एनएबी का आग्रह भी ठुकरा दिया और सफदर को विदेश जाने से पहले अदालत की मंजूरी लेने का निर्देश दिया। वहीं मरियम को भी जमानत देते हुए 50 हजार रुपये का मुचलका जमा करने का आदेश दिया गया। दोनों की जमानत याचिका स्वीकार करने के बाद सुनवाई 13 अक्तूबर तक स्थगित कर दी गई।

शरीफ और उनके दोनों बेटे हुसैन और हसन सुनवाई के दौरान गैरहाजिर रहे। दोनों शरीफ की पत्नी कुलसुम शरीफ के साथ लंदन में हैं, जहां वह गले के कैंसर से लड़ रही हैं। दो सुनवाइयों में शरीफ कोर्ट में पेश हुए थे, लेकिन पिछले हफ्ते वह अपनी बीमार पत्नी को देखने के लिए लंदन चले गए थे, जहां कुलसुम का तीसरा ऑपरेशन हुआ। शरीफ के वकील ख्वाजा हारिस ने अदालत से 15 दिन के लिए सुनवाई स्थगित करने का आग्रह किया और वादा किया कि शरीफ भी पेश होंगे। अदालत ने आग्रह ठुकराते हुए कहा कि वह अगली सुनवाई में शरीफ पर आरोप तय करेगी।

अदालत ने शरीफ के बेटों-हुसैन और हसन को फरार आरोपी घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया, क्योंकि दोनों अभी तक कोर्ट के समक्ष पेश नहीं हुए हैं। अदालत ने हुसैन और हसन के लिए शरीफ, उनकी बेटी और दामाद से अलग सुनवाई करने का भी फैसला किया।