नागपुर: विजयादशमी पर संघ प्रमुख मोहन भागवत के भाषण ने भाजपा हाईकमान की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल नागपुर में आरएसस चीफ ने कहा था कि वो संघ कार्यकर्ताओं की चिंताओं से अच्छी तरह से वाकिफ हैं। सरकार ने व्यापारियों, किसानों, बेरोजगारों और अनौपचारिक क्षेत्र में प्रर्याप्त काम नहीं किया है। भागवत ने कहा कि उन्हें केंद्र सरकार के खिलाफ कई शिकायतें मिली हैं। भारतीय मजदूर संघ और स्वदेशी जागरण मंच भी सरकार की आर्थिक नीतियों से खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की तुलना में नरेंद्र मोदी और अमित शाह प्रभाव डालते हैं। लेकिन संघ को लगता है कि प्रतीकात्मक इशारों के अलावा जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं भाजपा ने भागवत के भाषण के जवाब में एक बुकलेट तैयार की है। इसे संघ प्रमुख के भाषण का जवाब मांगा जा रहा है।

गौरतलब है कि आरएसएस के मजूदर संघ ने केंद्र पर आरोप लगाया है कि सरकार के सलाहकारों को सच्चाई का पता नहीं है। जिसके चलते 17 नवंबर को मजूदर संघ दिल्ली में महारैली निकालकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध जाहिर करने की तैयारी कर रहा है। भारतीय मजदूर संघ ने केंद्र की नीतियों को फेल बताते हुए कहा है कि सरकार को देश की वास्तविकता की जानकारी नहीं है। इसलिए जो नीतियां बनाई जा रही हैं वो देश के सवालों का कोई ठोस समाधान नहीं निकाल रही हैं। इसलिए मजदूर संघ पीएम मोदी को एक ज्ञापन सौपेंगा, जिसमें सरकार से अपनी आर्थिक नीतियों में परिवर्तन करने की बात कही जाएगी। ज्ञापन में कॉन्ट्रैक्ट लेबर को सामान्य मेहनताना दिया जाए इसकी मांग भी की जाएगी।