लखनऊ: उत्तर प्रदेश में नवंबर में निकाय चुनाव होने है जिन्हें लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरु कर दी हैँ। वहीं बीजेपी निकाय चुनावों को लेकर चिंतित दिखाई दे रही है क्योंकि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से कई भाजपा नेता और कार्यकर्ता नाराज हैं। प्रदेश में योगी द्वारा चलाए गए भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान के बीच योगी ने स्पष्ट रूप से पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को सरकारी कोटा या संपर्क कर किसी भी चीज के लिए आवेदन करने से इंकार कर दिया है। इसके साथ ही योगी ने पार्टी संबंधी लोगों को हिदायत दी है कि कोई भी पुलिस स्टेशन में जाकर किसी भी पुलिसवाले को नहीं धमकाएगा।
योगी की बात पर पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि हम पार्टी में इसलिए शामिल नहीं हुए थे कि हम बस भीड़ इकट्ठा करने में जुटे रहें जबकि अन्य लोग इसका फायदा उठाते रहें। भाजपा योगी से इस बात से भी नाराज है कि प्रदेश में निर्माण गतिविधि की रफ्तार काफी धीमी हो गई हैं, जिसका कारण यह है कि योगी द्वारा नदी के किनारे खुदाई पर प्रतिबंध लगाने से निर्माणकार्यों में इस्तेमाल किए जाने वाले रेत की कीमतें आसमान छू रही हैं। वहीं बीजेपी शासित प्रदेश के मंत्रियों की बीच यह फुसफुसाहट है कि योगी अक्सर पहुंच से बाहर होते हैं। मजाकिया तौर पर कहा जाए तो योगी ज्यादा समय योग अवस्था में बिताते हैं जिसे तांद्र कहा जाता है, जिसका अर्थ है न तो सोना और न ही जागना। वे समाधि में हैं।

बता दें कि बीजेपी निकाय चुनावों को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है इसलिए उन्होंने चुनावों के लिए अभी से तैयारियां करनी शुरु कर दी हैं। इन चुनावों को लेकर लघु सिंचाई मंत्री डॉ. एसपी सिंह बघेल ने अंबेडकर नगर जिले का दौरा किया और कार्यकर्ताओं को चुनावों में बीजेपी को बहुमत से जीत दिलाने की तैयारियों में जुटने के लिए कहा। निकाय चुनावों को लेकर बघेल का कहना है कि जब यूपी में बीजेपी सत्ता में नहीं तब भी ज्यादातर नगर निकाय की सीटों पर हमारा ही कब्जा था। इस बार हम सत्ता में है प्रदेश में विकास कार्यों को ध्यान में रखते हुए बीजेपी को जीत मिलेगी।