मरते वक्त स्टीव जॉब्स को पता चली थी ज़िन्दगी की हक़ीक़त

नई दिल्ली: 5 अक्टूबर को स्टीव जॉब्स की डेथ एनिवर्सरी है. स्टीव जॉब्स को सक्सेसफुल बिजनेसमेन के साथ ही एक बेहद समझदार और सुलझा हुआ इंसान माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि उनके निणर्य मील का पत्थर साबित होते थे. दुनिया भर में अपने नाम का डंका बजवाने वाले स्टीव की मौत 5 अक्टूबर 2011 को पैन्क्रीऐटिक केंसर की वजह से हुई थी. हम आपको उनके द्वारा कहे आखिरी शब्दों को बताने जा रहे हैं.

हर कोई जानना चाहेगा कि सफलता का पर्याय बन चुके स्टीव के आखिरी शब्द क्या रहे होंगे. आज उनकी डेथ एनिवर्सरी पर उनके द्वारा कहे आखिरी शब्दों को बताने जा रहे हैं. उन्होंने कहा था कि मैं बिजनेस वर्ल्ड में सफलता की चोटी पर पहुंच चुका हूं. वहीं दूसरों की नजर में मेरी लाइफ सफलता का दूसरा नाम है. लेकिन काम को छोड़कर अगर मैं मेरी लाइफ के बारे में बात करता हूं तो मुझे यही समझ आया कि पैसा जीवन का सिर्फ एक पार्ट है और मैं इसमें अभ्यस्त हो चुका हूं. आज इस बेड पर पड़े रहकर अगर मैं अपनी पूरी लाइफ को रिकॉल करता हूं तो मुझे लगता है कि जिंदगी में मुझे जो नाम और पैसा मिला है वो मौत के समय किसी काम का नहीं है.

आज मैं यहा अंधेरे में लाइफ सर्पोटिंग मशीन की ग्रीन लाइट देख रहा हूं. साथ ही भगवान को भी महसूस कर रहा हूं. मुझे मौत पास आती नजर आ रही है. मैं कहना चहता हूं कि जब आप अपने आखिरी समय के लिए पर्याप्त रुपया इकठ्ठा कर लेते हो तो आपको रिश्तों, अपनी कला और बचपन के सपनों पर ध्यान देना चाहिए. हमेशा और लगातार पैसा कमाने की आदत आपको मेरी तरह ही एक विकृत इंसान बना देगी.

स्टीव जॉब्स ने “Sick bed” को दुनिया का सबसे महंगा बेड बताया था. उनका कहना था कि आप अपने लिए ड्राइवर हायर कर सकते हो लेकिन कितना भी पैसा होने पर आप किसी को अपनी बीमारी के लिए हायर नहीं कर सकते. आपको उसका दर्द खुद ही झेलना होगा. आप किसी भी चीज को दोबारा हासिल कर सकते हो सिवाय लाइफ के.