लखनऊ। सऊदी अरब पूरी तरह संयुक्त राज्य अमेरिका के दबाव में है और यह मुस्लिम देशों की मदद करने के बजाय ईसाईयों और यहूदियों की ओर जा रहा है। मुस्लिम देशों से नाता तोड़कर यहूदी राष्ट्रों के साथ अपने संबंध को बढ़ावा दे रहा है। इन सारे ख्यालात का इज़हार मशहुर आलिमे दीन मौलाना सलमान नदवी ने पिछले दिनों एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में की।

गौरतलब है कि पिछले दिनों सऊदी अरब से संबंध रखने वाले कुछ आलिमों ने मौलाना सलमान नदवी पर आरोप लगाया है कि वह अपने भाषणों और लेखों के माध्यम से आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। पिछले दिनों यह खबर भी थी कि नदवा से संबंध रखने वाले मशहुर आलिमे दीन को सऊदी अरब के दबाव में ओमान से निकाल दिया गया, और उन्हें त्वरित देश छोड़ना पड़ा।

हालांकि मौलाना सलमान नदवी ने लखनऊ वापसी पर इस तरह के आरोपों का खंडन किया। इसके साथ ही यह भी स्पष्टकर दिया कि सऊदी अरब के इस प्रकार की नीतियों के ख़िलाफ़ इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। मौलाना के अनुसार अबू बकर अल-बगदादी से संबंध के बिना पर तरह तरह की बातें की जा रही हैं। तथ्य यह है कि अल-बगदादी को भी खत भेजी गई है।

मौलाना सलमान नदवी कहते हैं कि उन्हें ओमान, तुर्की सहित किसी भी देश को छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया गया, कई देशों के विद्वानों के साथ बेहतर और सुखद संबंध हैं। वे अपने भाषणों और लेखों के माध्यम से लोगों में जागरूकता लाने की कोशिश कर रहे हैं।