रामपुर: जब से उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आई है ताजमहल भी राजनीतिक मुद्दा बन गया है। ताजमहल लगातार चुनावी बयानबाजियों में शामिल किया जा रहा है। जहां एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ताजमहल को भारत की पहचान मामने से इंकार कर चुके हैं तो वहीं दुनिया के सात अजूबों में शुमार भारत की धरोहर ताजमहल को उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी टूरिस्ट गंतव्यों की सूची तक में जगह नहीं दी। इस पूरे विवाद पर अभी बहस चल ही रही थी कि समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने बीजेपी सरकार पर तंज कसते हुए गिराने तक की बात कह डाली। आजम खान व्यंग्तामक रूप से कहा है कि, ” एक ज़माने में बात चली थी ताज महल को गिराना चाहिए। योगीजी इस तरह के निर्णय लेंगे तो हमारा सहयोग रहेगा।”

ये सारा मामला तब सामने आया जब यूपी की नई ‘टूरिस्ट डेस्टिनेशन’ लिस्ट जारी की है, जिसमें ताजमहल को शामिल नहीं किया गया। सरकार की तरफ से अभी तक इस मुद्दे पर आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। इस बार लिस्ट में गोरखधाम मंदिर को जगह दी गई है। गोरखपुर के देवी पटन शक्ति पीठ को भी स्थान दिया गया है। इसमें गोरखधाम मंदिर का फोटो, उसका इतिहास और उसका महत्तव लिखा है। हालांकि इस विवाद से एक दिन पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार ने विश्व बैंक के सहयोग से संचालित ”प्रो-पुअर टुरिज्म योजना” के तहत 370 करोड़ रुपए की परियोजनाएं प्रस्तावित की हैं। ताजमहल अथवा आसपास के क्षेत्र के विकास से जुड़े लगभग 156 करोड़ रुपए के कार्य भी सम्मिलित हैं। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने आज बताया कि इन परियोजनाओं में ताजमहल अथवा आसपास के क्षेत्र के विकास से जुड़े लगभग 156 करोड़ रुपए के कार्य भी सम्मिलित हैं।