नई दिल्ली: त्योहारों का आधा समय बीत चुका है लेकिन व्यापारियों के हाथ अब तक सिर्फ मायूसी ही लगी है. उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री सिर्फ 30 फीसदी है जबकि नवरात्रि, दशहरा पर सोने की बिक्री 50 फीसदी घट गई. पिछले साल त्योहारों में ग्राहकों से पटे रहने वाले लाजपत नगर में टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन आदि के शोरूम से इस साल ग्राहक नदारद हैं. एक बड़े शोरूम के प्रबंधक बताते हैं कि इस बार सिर्फ 30 फीसदी धंधा हुआ है. बड़ी उम्मीद थी कि नवरात्रों के बाद बाजार में तेजी आएगी, लेकिन अब उम्मीद टूटती दिख रही है. निरंजन का कहना है कि लोगों के पास पैसा ही नहीं है. पूरे साल के बराबर धंधा हम इसी समय किया करते हैं. दशहरे में उम्मीद के उलट सिर्फ 100 से 150 ग्राहक ही आए, जिसमें से आधे से अधिक सिर्फ कीमतों के बारे में पूछताछ कर चले गए.

ज्वैलरी बाजार का तो हाल और भी बुरा है. सोने की बिक्री इस साल नवरात्रि और दशहरा पर 50 फीसदी कम रही. सरकार ने 50,000 रुपये और इससे अधिक का सोना खरीदने पर केवाईसी को अनिवार्य कर दिया है, इसलिए इस साल दशहरा के मौके पर मोटी खरीदारी करने वाले लोग बाजार से दूर रहे.

गहनों के व्यापारी,अनिल कोटावाला के मुताबिक 3 गिन्नी की ही कीमत 60,000 रुपये हो जाती है. इसमें भी ग्राहक को केवाईसी देना पड़ रहा है. सबसे बड़ी बात है कि लोगों के पास पैसे ही नहीं है. अब हमें दिवाली पर भी कोई खास उम्मीद नहीं है.