नई दिल्ली: हज यात्रियों को समुद्र मार्ग से सऊदी अरब भेजने की प्रक्रिया 1995 में समाप्त कर दी गई थी क्योंकि जिस जहाज एमवी अकबरी से उन्हें खाड़ी देश ले जाया जाता था वह पुराना हो गया था।
केंद्र सरकार विमान के अलावा अन्य मार्गो से भी हज यात्रियों को सऊदी अरब भेजने के लिए इस सप्ताह नई हज यात्रा नीति लेकर आ सकती है। सरकार के सूत्रों ने बताया कि इस नीति की अहम बात दो दशक से ज्यादा के अंतराल के बाद हज यात्रियों को समुद्र मार्ग से जेद्दा भेजने के विकल्प को पुनर्जीवित करना होगा। समझा जाता है कि इस नीति को अगले साल से लागू किया जाएगा।

उच्चतम न्यायालय ने 2012 के अपने आदेश में हज यात्रियों को विमान के किराए में दी जाने वाली सब्सिडी को वर्ष 2022 तक खत्म करने के लिए कहा था। इसके बाद हज यात्रियों को तटीय शहर मुंबई से जेद्दा भेजने के विकल्प पर विचार किया गया। सरकार का मानना है कि समुद्र मार्ग से यात्रा का खर्च कम होगा। सूत्रों ने बताया कि हालांकि मुस्लिम दिल्ली और मुंबई समेत देश के 21 हवाई अड्डों से विमान के जरिए श्रद्धालु मक्का मदीना जा सकेंगे।

उन्होंने बताया कि नीति में यह भी जोड़ा गया है कि एक व्यक्ति जीवन में एक बार ही हज यात्रा पर जाए। एक सूत्र ने कहा, ‘‘यह उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार है और जहाजों से हज यात्रियों को सऊदी अरब भेजने का विकल्प सस्ता है।’’ सूत्रों ने बताया कि हज यात्रियों को समुद्र मार्ग से सऊदी अरब भेजने की प्रक्रिया 1995 में समाप्त कर दी गई थी क्योंकि जिस जहाज एमवी अकबरी से उन्हें खाड़ी देश ले जाया जाता था वह पुराना हो गया था।