नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह कुछ समय के लिए संन्यास पर जा रहे हैं। दिग्विजय सिर्फ 6 महीने में राजनीति से दूर हो रहे हैं। इस दौरान वे पार्टी महासचिव बने रहेंगे लेकिन किसी राज्य का प्रभार नहीं देखेंगे। इस 6 महीने के राजनीतिक संन्यास में दिग्विजय राजा नर्मदा यात्रा पर निकलेंगे।

इसकी घोषणा करने से पहले उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की और उसके बाद कांग्रेस मुख्यालय आकर कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा से मुलाकात की और एआईसीसी को 6 महीने के लिए अलविदा कह दिया। दिग्विजय ने कहा कि इन महीनों में राजनीति से दूर रहकर वे 3300 किलोमीटर की नर्मदा परिक्रमा करेंगे।

दिग्गी अपनी इस यात्रा को आध्यात्मिक बता रहे हैं लेकिन अगर राजनीतिक दृष्टि से देखें तो यह काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले उनकी यात्रा ने राज्य में सियासी सुगबुगाहट पैदा कर दी है।

नर्मदा के किनारे-किनारे अपनी 3300 किलोमीटर की यात्रा के दौरान दिग्गी मध्यप्रदेश की 110 विधानसभा सीटों और गुजरात की 20 विधानसभा सीटों से गुजरेंगे। मध्य प्रदेश का विधानसभा चुनाव 2003 में हारने के बाद दिग्गी ने कहा था कि, वे अगले 10 साल कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे और उन्होंने ऐसा किया भी।

2004 से वे पार्टी के महासचिव हैं लेकिन कुछ महीने पहले उन्होंने सोनिया गांधी से मिलकर सभी राज्यों का प्रभार लेने की गुजारिश की थी।