मुंबई : गुज़रे ज़माने की अदाकारा शकीला का 82 वर्ष की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह कई बीमारियों से पीड़ित थीं। बुधवार रात मुंबई के एक अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।
50 और 60 के दशक में शकीला ने एक से बढ़कर एक कई फिल्मों में काम किया। लेकिन सबसे ज्यादा पहचान शकीला को साल 1954 में आई फिल्म ‘आर पार’ के गाने ‘बाबूजी धीरे चलना’ से मिली। यह गाना उस दौर में जितना मशहूर था आज भी उतना ही लोकप्रिय है।
फेसबुक पर उनके भतीजे नासिर ख़ान ने ये जानकारी दी। उन्होंने लिखा, ‘बड़े दुख के साथ मुझे बताना पड़ रहा है कि मेरी आंटी, मां की बड़ी बहन शकीला आंटी का निधन हो गया है। अल्लाह उन्हें जन्नत अता करें। आमीन.’
बादशाह बेग़म के रूप में उनका जन्म एक जनवरी 1935 को हुआ। साल 1949 में शकीला के रूप में उन्होंने फिल्म दुनिया से बॉलीवुड में क़दम रखा। इस फिल्म में उन्होंने उस ज़माने की मशहूर अदाकार सुरैया के साथ काम किया। शकीला ने सिंदबाद द सेलर (1952), लाल परी (1954), अली बाबा चालीस चोर (1954) और हातिम ताई (1956) जैसी फिल्मों में काम किया है। 1963 में शादी के बाद वह ब्रिटेन चली गई और फिल्मों में काम करना बंद कर दिया। बाद में हम इंतज़ार करेंगे (1989) और राजद्रोही (1993) में वह छोटी भूमिकाओं में नज़र आई थीं। गुरुवार को माहिम में उन्हें दफ़नाया गया।’
फतेहपुर सीकरी, आगरा, 28 अप्रैल 2024. कमज़ोर तबकों के सामने संविधान बचाने का आख़िरी मौक़ा…
ब्यूरो चीफ फहीम सिद्दीकी बाराबंकी। मोहसिना क़िदवई, राजनीतिक गलियारे का एक बहुत कद्दावर नाम। नब्बे…
एक बालिका की हालत गंभीर, मेडिकल कालेज रेफरबाबा अहमद शाह की मजार पर गुरूवार से…
ब्यूरो चीफ फहीम सिद्दीकी बाराबंकी। जिला बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव की मतगणना शांतिपूर्ण माहौल…
लखनऊ ।उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फरेंसिक साइन्स लखनऊ ने आज संस्थान को और अधिक…
(आलेख : शमसुल इस्लाम) भारत में राष्ट्रविरोधी, अमानवीय एवं धार्मिक रूप से कट्टर नागरिकता संशोधन…