संयुक्त राष्ट्र। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी का कहना है कि उनका देश परमाणु समझौते को लेकर हुए अंतर्राष्ट्रीय समझौते से जुड़ा रहेगा, लेकिन अमेरिका द्वारा समझौते के संभावित उल्लंघन की स्थिति में वह इसका निर्णायक जवाब देगा।
हसन रूहानी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को बताया कि, “मैं आपके समक्ष ऐलान करना चाहता हूं कि ईरान इस समझौते का उल्लंघन करने वाला पहला देश नहीं होगा लेकिन किसी अन्य देश द्वारा इस समझौते का उल्लंघन किए जाने पर निर्णायक और सख्त प्रतिक्रिया दी जाएगी।”
ईरान का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस चेतावनी का स्पष्ट जवाब है, जिसमें अमेरिका ने कहा है कि वह इस समझौते से बाहर निकल सकता है।
रूहानी ने कहा, “यदि इस समझौते का वैश्विक राजनीति के ‘दुष्ट’ आगंतुकों द्वारा उल्लंघन किया जाता है, तो यह काफी दयनीय स्थिति होगी।”
रूहानी ने कहा कि ट्रंप का हास्यास्पद और निराधार आरोपों से भरा अज्ञानतापूर्ण, अनर्गल और घृणास्पद भाषण संयुक्त राष्ट्र में सुने जाने लायक भी नहीं है।
यह समझौता अमेरिका के पूवर्वत राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में हुआ था। यह समझौता जुलाई 2015 में ईरान और विश्व की छह शक्तियों ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और अमेरिका के बीच हुआ था।
यहां रूहानी ने ‘दुष्ट’ बोलकर ट्रंप पर निशाना साधा है क्योंकि इससे पहले मंगलवार को ट्रंप ने ईरान को ‘दुष्ट’ देश और ईरान परमाणु समझौते को ‘उलझन भरा’ बताया था।
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