जॉन अब्राहम ने आधार कार्ड बनवाने से किया इंकार, सुप्रीम में लगाईं गुहार

नई दिल्ली: मुंबई के अंधेरी निवासी जॉन अब्राहम ने ‘आधार कार्ड’ की अनिवार्यता को ‘गंभीर अन्याय’ करार देते हुए इसे परिवार और अपने लिए बनवाने से इंकार कर दिया है। आधार के बिना काफी परेशानियों का सामना कर रहे जॉन अब्राहम को बेटे के कॉलेज एडमिशन, हॉस्पिटल और रिटायरमेंट बेनिफिट में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। देश में आधार कार्ड को ‘विश्वसनीय प्रमाण’ मानने को अब्राहम ने इसे ‘गंभीर अन्याय’ बताया है। अब्राहम कहते हैं कि मैं सिस्टम के खिलाफ हूं जो जबरन मुझे कुछ करने के लिए कह रहा है। अब्राहम बताते हैं, ‘मेरे बेटे (17) को कक्षा बारह में सेंट जेवियर कॉलेज ने दाखिला देने से इंकार कर दिया। क्योंकि उसके पास आधार कार्ड नहीं था। हाल के दिनों में अंधेरी के हॉस्पिटल में उसके इलाज के दौरान हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। हॉस्पिटल का कहना था कि मरीज के पंजीकरण के लिए आधार जरूरी है।’

अब्राहम अपने फैसले पर अभी भी अटल हैं। सिस्टम के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी है। हाल के दिनों में उन्होंने भारतीय रेलवे से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली। लेकिन उन्हें नहीं पता कि आधार कार्ड के अभाव में उन्हें पेंशन दी जाएगी या नहीं। इसीलिए इस साल अगस्त में अब्राहम बोम्बे हाईकोर्ट पहुंचे हैं। जहां उन्होंने मांग की है कि बिना आधार के उनके बेटे को कक्षा बारह में सेंट जेवियर कॉलेज में दाखिला दिए दिए जाने के निर्देश दिए जाएं। हालांकि हाईकोर्ट ने इस मामले में उन्हें कोई भी राहत देने से इंकार कर दिया है। वहीं शुरू में मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि अब्राहम सरकार के प्रस्ताव के अनुसार आधार बनवाएं। अगर वो ऐसा करते हैं तो कोर्ट सेंट जेवियर कॉलेज को दाखिला मामले में निर्देश देने पर विचार करेगा।

कोर्ट की इस दलील के बाद अब्राहम ने अब सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है। मामले में चार सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा और इसके लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है। अब्राहम कहते हैं वो सभी के लिए आधार अनिवार्य कर रहे हैं। मेरे बेटे के दाखिले के दौरान आधार मांगने का क्या औचित्य है। भारत में शिक्षा के अधिकार का तहत दाखिले से इंकार करने का क्या मतलब है। अब्राहम आगे कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मुद्दे पर निर्णय लेने के वक्त में हुई देरी से मेरे बेटे का आधा साल बर्बाद हो गया। आधार के खिलाफ लड़ाई लड़ते रहेंगे। गौरतलब है कि अब्राहम ने अपने बेटे को दूसरे कॉलेज में दाखिला करा दिया है।