नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी के शासनकाल में व्यापार घाटा बढ़ने से देश का चालू खाते का घाटा बढ़कर चार साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में यह तेजी से बढ़कर 14.3 अरब डॉलर हो गया। यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.4 फीसदी है। वित्त वर्ष 2016-17 की इसी तिमाही में चालू खाते का घाटा (कैड) 0.4 अरब डॉलर या जीडीपी का 0.1 प्रतिशत था। मार्च 2017 को समाप्त तिमाही में यह 3.4 अरब डॉलर (0.6 प्रतिशत) था।

रिजर्व बैंक के अनुसार, ‘‘सालाना आधार पर कैड में वृद्धि का मुख्य कारण व्यापार घाटा बढ़ना है। वस्तुओं के निर्यात के मुकाबले आयात बढ़ने के कारण यह 41.2 अरब डॉलर रहा।’’ सामान्य रूप से कैड विदेशी मुद्रा के प्रवाह और निकासी के अंतर को बताता है। देश का निर्यात अगस्त महीने में 10.29 प्रतिशत बढ़कर 23.81 अरब डॉलर रहा। पिछले चार महीने में यह सर्वाधिक वृद्धि है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार मुख्य रूप से पेट्रोलियम उत्पादों, इंजीनियरिंग और रसायन निर्यात में वृद्धि से कुल निर्यात बढ़ा है।