नई दिल्ली: इंटरनेशनल मार्किट में कच्चे तेल की कीमत स्थिर होने के बावजूद भारत में पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है।

जिसके कारण देश में पेट्रोल-डीजल के दामों में तेजी का मुद्दा गर्माता जा रहा है। मुंबई सहित कुछ इलाकों में बुधवार को पेट्रोल के दाम 80 रुपए लीटर तक पहुंच गए।

हालांकि इंटरनेशनल मार्किट में कच्चे तेल की कीमतें तीन साल पहले के मुकाबले आधी रह गई हैं। लेकिन इसका फायदा आम जनता को नहीं मिल पा रहा है।

इस मामले में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने ब़़ढती कीमतों से पल्ला झाड़ लिया है। पेट्रोल के दाम इस तरह से बढ़ने के पीछे असली वजह ये है कि 3 सालों के दौरान सरकार ने पेट्रोल, डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कई गुना बढ़ा दी है। मोटे अनुमान के अनुसार पेट्रोल पर ड्यूटी 10 रुपये लीटर से बढ़कर करीब 22 रुपये हो गई है।
विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे ‘आर्थिक आतंकवाद’ करार दिया है।

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, ‘पेट्रोलियम मंत्री आम जनता को गुमराह कर रहे हैं। कच्चे तेल के दाम 50 फीसदी से ज्यादा गिर गए, फिर भी तेल की कीमतें ज्यादा क्यों हैं? क्या ये आर्थिक आतंकवाद नहीं है?’

पेट्रोल और डीजल के बढ़ रहे दामों को लेकर सोशल मीडिया पर पीएम मोदी खासतौर से निशाने पर हैं। लोगों का कहना है कि उन्होंने सरकार में आने के थोड़े दिन बाद ही कहा था कि पेट्रोल, डीजल के दाम कम हो रहे हैं और लोगों के पैसे बच रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा था कि यह उनका नसीब है, जो उनके आते ही ग्लोबल मार्किट में तेल के दाम घटने लगे हैं। उनके इस भाषण का वीडियो शेयर करते हुए पेट्रोल, डीजल की कीमत पर उनका मजाक बनाया जा रहा है।