नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के दबाव में सरकार ने उन सांसदों, विधायकों की संपत्ति जांच कराने का फैसला किया है जो चुनाव जीतते ही धन कुबेर बन गए। इलाहाबाद के एनजीओ लोक प्रहरी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) ने सोमवार (11 सितंबर) को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सात लोकसभा सांसद और 98 विधायकों की संपत्ति की जांच की जा रही है। सीबीटीडी ने यह भी कहा कि इन सभी सांसदों और विधायकों के नाम की सूची मंगलवार (12 सितंबर) को सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को सौंपेगा।
सीबीडीटी ने कोर्ट को बताया कि आयकर विभाग ने इन नेताओं की संपत्तियों की शुरुआती जांच की है जिसमें पता चला है कि चुनाव जीतने के बाद इन सांसदों-विधायकों की चल-अचल संपत्ति में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है। ये शुरुआती जांच लोक प्रहरी द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद हुई है। लोक प्रहरी ने आरोप लगाया था कि लोकसभा के 26 सांसद, राज्यसभा के 11 सांसद और 257 विधायकों की संपत्ति उनके निर्वाचित होते ही तुरंत बढ़ गई। एनजीओ ने ये आरोप उन नेताओं के चुनावी हलफनामे के आधार पर लगाया था।
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