लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक बार में तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित किए जाने के बाद उत्तर प्रदेश के मदरसों में मुसलमानों को “वाजिब तरीके से तलाक” देना सिखाने की तैयारी की जा रही है। बरेलवी सुन्नी मुसलमानों के संगठन जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय जनरल सेक्रेटरी मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा, “सर्वोच्च अदालत के तीन तलाक पर फैसले के बाद हम मदरसों से जुड़े मौलानाओं की एक बैठक कर रहे हैं और उन्हें छात्रों, जुम्मे के नमाज और अन्य धार्मिक जलसों के माध्यम से लोगों को तलाक का सही तरीका बताने की अपील की है।”

मौलाना शहाबुद्दीन ने बताया कि ये कवायद लोगों में शरिया कानून के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए की जा रही है ताकि एक बार में तीन तलाक पर रोक लगायी जा सके। उन्होंने कहा कि वो संगठन मुस्लिम महिलाओं से अपील करेगा कि वो अपने निजी मामले लेकर पुलिस या अदालत में न जाएं। आगरा में एक मदरसा चलाने वाले मुफ्ती मुदस्सर खान ने बताया कि सही तरीके से तलाक देने पर पूरा एक अध्याय है और वो छात्रों से दूसरों को भी इस बारे में शिक्षित करने की अपील करेंगे। रिपोर्ट के अनुसार अलीगढ़ में करीब 200 और आगरा में करीब 150 मदरसे हैं।

अलीगढ़ स्थित अलबरकत इस्लामिक रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टिट्यू के मौलाना नोमान अहमद अजहरी ने टीओआई से कहा कि बहुत से लोगों को शरिया के बारे में सही मालूमात नहीं है और उसका गलत तरीके से पालन करते हैं। अजहरी ने भी कहा कि उनका संगठन छात्रों को इस बारे में जानकारी देता है और उन्हें दूसरों को सही तरीका अपनाने के लिए प्रेरित करने को कहता है।