क्या बादलों से घिरा आसमान और मूसलाधार बारिश आपको अधिक समय तक बिस्तर में रहने देते हैं? मानसून के आते ही हम सबका बिस्तर में गरम कंबल के साथ लेटे रहने का अनूठा आग्रह होता है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमने कितनी कोशिशें कीं, पर आंखें खोलना मुश्किल होता है, खास तौर पर जब आसमान बादलों से ढका होता है। हम न केवल स्वयं को काफी सुस्त महसूस करते हैं, बल्कि काफी खिन्न भी रहते हैं। तो बारिश में ऐसा क्या है, जो हमें नींद के आगोश में लेकर जाता है?

Dr. Preeti Devnani who is working as a Sleep Therapist for Sleep@10, A Godrej Interio Initiative अध्ययन बताते हैं कि इसके लिए दो कारक हैं, जो हमें ऐसा महसूस कराते हैं। पहला मौसम और दूसरा, इससे जुड़ी आवाजें। मौलिक रूप से सूरज हमारे शरीर में समन्वय पैदा करने वाला होता है। यह हमारी शारीरिक लय और घड़ियों को नियंत्रित करता है। शरीर को वातावरण के अनुरूप रखता है। सूरज की किरणें मेलाटोनिन के स्राव को नियंत्रित करने के लिए जानी जाती हैं, जो एक स्लीप हार्मोन है। जब हम सूरज के प्रकाश के सामने होते हैं, तो हमारे शरीर में मेलाटोनिन स्राव घटता है और हम जगे रहते हैं। बारिश के मौसम में, हम बमुश्किल सूरज के प्रकाश के सामने होते हैं, क्योंकि दिन के ज्यादातर पहर तक सूरज बादलों के पीछे छिपा होता है। इससे हमारे शरीर में मेलाटोनिन बढ़ता है और इसलिए हम खुद को सुस्त पाते हैं।

एक और पहलू आर्द्रता है। मानसून के दौरान हवा में वाष्प की मात्रा अधिक हो जाती है। ज्यादा आर्द्रता से हमें पसीना आता है, जिसके बदले नींद के दौरान तकलीफ होती है। हवा में नमी सीलन व फफूंदी भी बढ़ाती है, खास तौर पर घरों में। अगर आपको एलर्जी का खतरा है, तो यह स्थिति आपकी सेहत पर बुरी तरह असर डालती है। ये सब मिलकर मानसून के दौरान रात में नींद खराब करते हैं। रात में ठीक से सो नहीं पाने के चलते आप दिन भर ऊंघते रहते हैं।

दूसरी बात, अन्य स्तनधारियों की तरह ही इंसान शांत वातावरण में सोना पसंद करता है। धीमी लयबद्ध आवाजें हमारे दिमाग पर बेहद सुकूनदायक प्रभाव डालती हैं। यहां तक कि एक नवजात बच्चा भी लोरी सुनकर अच्छी तरह सो जाता है। मानसून के दौरान जमीन पर पड़ने वाली बारिश की बूंदें मध्यम व तालयुक्त आवाजें पैदा करती हैं, जो दिन के समय भी सोने का माहौल बनाती हैं। दूसरी तरफ, अचानक से तेज शोर या धमाका हमारी नींद झकझोर देता है। रात में बादल गरजने और बिजली चमकने की तेज आवाजें नींद खराब कर देती है। और कई लोगों के लिए इसके बाद सोना असंभव हो जाता है।
इसलिए, अगली बार जब बारिश के दिनों में आपको नींद आए, तो आपको पता होगा कि इस अलसाए अनुभव के लिए आखिर किसे दोष देना है। यहां पर बारिश के दिनों में सुस्ती से लड़ने के लिए कुछ चीजें बताई गई हैं।

  1. सही चीजें खाएं

वसा के सेवन से रक्त में शर्करा की मात्रा अचानक बढ़ और फिर घट सकती है। इससे शरीर को कम ऊर्जा का अनुभव होता है। वैसा भोजन लें, जिसमें ज्यादा प्रोटीन और फाइबर हो। जैसे, फल, फलिया और बादाम आदि। ये आपके शरीर को पोषण देते हैं और इसको सक्रिय बनाए रखते हैं।

  1. व्यायाम से दिन की शुरुआत करें
    बारिश की वजह से अपने फिटनेस रूटीन से तौबा न करें- न ही घर के अंदर और न ही बाहर। व्यायाम एन्डोर्फिन्स छोड़ता है, जो आपको जोशीला बनाए रखता है। एक घंटे के सघन व्यायाम से आप खुद को जितना ऊर्जापूर्ण पाएंगे, वही बाकी दिन आपको चुस्त रखता है।

  2. कुछ तो धूप खाएं

भले ही बादल के साथ सूरज की आंखमिचौली जारी हो, तब भी आसमान साफ होने पर बाहर निकलने की कोशिश करें। धूप या प्राकृतिक रोशनी की थोड़ी-सी भी मात्रा हमारे ऑप्टिक तंत्रिका को सक्रिय बनाती है। इससे मेलाटोनिन का स्राव होता है, जो अनिद्रा को नियंत्रित करता है।

अंत में, यह सब पर्यावरणीय बदलाव के साथ आपके शरीर के संबंध के बारे में है। अगर आप समझ सकते हैं कि कैसे आपका शरीर काम करता है, तो मूसलाधार बारिश या बूंदाबांदी भी आपको जगने से रोक नहीं सकती।

सोने के अपने समय को सही रखने के बड़े लाभ हैं। हर रोज रात दस बजे सो जाएं और अपने शरीर को इस तरह तैयार करें कि हमेशा गहरी नींद ले पाए। फिर चाहे बारिश हो या धूप से खिला हुआ मौसम।