लखनऊ: बोरा इन्सटीटूयट आॅफ मैनैजमेन्ट साइन्स तथा यह एक सोच फाउण्डेशन के द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयेाजन किया गया । कार्यशाला का मुख्य उददेश्य यह एक सोच फाउण्डेशन के कार्यो की जानकारी तथा संस्था द्वारा लखनऊ शहर में चलाये जा रहे “माई लाईफ मेरे फैसले कार्यक्रम ” का उन्मुखीकरण किया गया । कार्यक्रम का आरम्भ बोरा इन्सटीटूयट आॅफ मैनैजमेन्ट साइन्स की महानिदेशक सलोनी बोरा के द्वारा हुआ,उन्होने युवाओ को सम्बोधित करते हुये कहा कि आज के समय में भी हम बाल विवाह का मुददा देखते है और हम युवाओ की जिम्मेदारी की हम इसे रोके इसके लिये आवाज़ उठाये । इसी प्रकार प्रधानाचार्या जया सिंह जी ने हम हमारी समाजिक जिम्मेदारियो के विषय में हम चर्चा नही करते है और हम अधिकारो के लिये बात करते है जब तक हम समाजिक जिम्मेदारियो को समझेंगे तभी हम अपने अधिकारो को समझ पायेंगे । इसी प्रकार एम0 बी0 ए0 मैनजमेन्ट के अध्यक्ष अनुराग जी ने युवाओ को सम्बोधित करते हुये कहा कि हम अपने शिक्षा तभी पूरी कर सकते हे जब हम अपने आस पास की समाजिक कुरीतियों का दूर कर पाये ।

इस प्रकार यह एक सोच फाॅउण्डेशन की कार्यक्रम समन्वयक स्वाति जी ने संस्था के विषय में बताते हुये कहा कि यह एक सोच ’ फाउण्डेशन 2012 से युवाओ के व्यक्तित्व विकास, क्षमतावर्धन पर काम कर रही है। संस्था की दूरदर्शिता और प्रयास है कि कैसे एक युवा को इतना सशक्त किया जाए कि वो अपनी प्रतिभाओं को पहचान कर सुरक्षित और सम्मानपूर्ण जीवन जी सके। माई लाइफ मेरे फैसले पोग्राम, इसी क्रम मे युवाओ को एक ऐसा मंच प्रदान कर रहा है जहां वो एक साथ मिलकर सामाजिक कुरीतियो जैसे बाल विवाह, पित्रसत्ता, लिंग आधारित भेदभाव और हिंसा के बारे मे सोच सके उसके खिलाफ प्रतिभाग कर सकें और एक साथ सबकी राय का सम्मान करते हुए चर्चा कर सकें। प्रोग्राम का प्रयास है कि युवा न केवल समाज में व्याप्त बुराइयो को सोचे और इस पर चर्चा करे बल्कि उसके समाधान को खोजे और उस पर एक साथ आगे बढे़।
कार्यक्रम में युवाओ को समानता के अधिकार तथा कैसे वे स्वंय से समाज की ओर स्वंय ला सकते है की जानकारी दी गयी । स्पेस यात्रा को समझाते हुये बताया कि यह एक सोच स्पेस यात्रा के द्वारा स्वंय से समाज की ओर , रोमांचक यात्रा , असहज रुप से रचनात्मकता की खोज ,एक्सपोजर और चेन्ज़मेकर बनाने का प्रयास किया जाता है ।

इस प्रकार कार्यक्रम का अन्त में युवाओ को जानकारी दी गयी इसी प्रकार हम लगातार कार्यशाला के द्वारा समाजिक समावेशन के मुददो से जोड़ते रहेंगे ।