लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हजारों की संख्या में शिक्षामित्र अनिश्चितकालीन सत्याग्रह कर रहे हैं. इस सिलसिले में लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान में बड़ी संख्या में शिक्षामित्र जुटना शुरू हो गए हैं. ये सभी शिक्षामित्र सुप्रीम कोर्ट से अपनी नियुक्ति रद्द किए जाने पर नाराज हैं. इनकी मांग है कि राज्य सरकार अध्यादेश लाकर इन्हें फिर सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त करे और तब तक समान कार्य करने के लिए समान वेतन के सिद्धांत पर उन्हें शिक्षकों के बराबर वेतन दे. बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय की ओर से शिक्षा मित्रों का सहायक अध्यापक के तौर पर समायोजन रद्द होने के बाद से नाराज शिक्षामित्र सोमवार को फिर लखनऊ में प्रदर्शन करने पहुंचने लगे हैं.

शिक्षा मित्रों के आंदोलन को देखते हुए लखनऊ में जिला प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दिया है. साथ ही शिक्षा मित्रों को उनके अपने ही जिले में रोकने के लिए सभी जिलों के अधिकारियों को आदेश दिया गया है. शिक्षामित्रों ने 21 अगस्त से लखनऊ में समायोजित शिक्षक शिक्षामित्र संघर्ष मोर्चा के बैनर तले अनिश्चितकालीन आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया था. इसी के तहत शिक्षामित्र लखनऊ लक्ष्मण मेला मैदान पर जुटने शुरू हो गए हैं. सुबह तक ही यहां के लक्ष्मण मेला मैदान पर शिक्षामित्र सैकड़ों की संख्या में जुट गए थे.
जिलाध्यक्ष योगेश भड़ाना ने कहा कि शिक्षामित्र पिछले 16 सालों से सेवा दे रहे हैं। अधिक उम्र होने के कारण उनके सामने रोजगार का कोई विकल्प नहीं बचा है। ऐसी दशा में उन्हें बेरोजगार किया जा रहा है।
शिक्षामित्रों ने ऐलान किया था कि योगी आदित्यनाथ सरकार उनकी समस्यायों का निदान करने में असफल रही है। इसलिये वे आज यहां विशाल प्रदर्शन करेंगे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार ने कहा कि शिक्षामित्रों को लक्ष्मण मेला पार्क में रोका गया है और पार्क से बाहर आने की किसी को इजाजत नहीं है। जिले में धारा 144 के उल्लघंन किसी को नहीं करने दिया जायेगा।

इस आंदोलन में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ, उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ, कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति, भारतीय किसान यूनियन जैसे संगठनों ने समर्थन देने का ऐलान किया है.

गौरतलब है कि सभी शिक्षामित्र समायोजन रद्द होने से भड़के हुए हैं. वहीं आंदोलन को धार देने के लिए शिक्षामित्रों को दो बड़े गुट आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन और उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन ने साझा संघर्ष मोर्चा बनाया है.