नई दिल्ली: इन्फोसिस के को-फाउंडर एनआर नारायणमूर्ति और कंपनी बोर्ड के बीच टकराव बढ़ गया है. बोर्ड ने विशाल सिक्का के इस्तीफे के पीछे नारायणमूर्ति को जिम्मेदार बताया है. मूर्ति ने गुरुवार को एक चिट्ठी में सिक्का पर तीखी टिप्पणी की थी. उन्होंने सिक्का को सीईओ पद के लायक नहीं मानते हुए कहा था कि सिक्का सीईओ नहीं सीटीओ के लायक हैं.

बोर्ड के मुताबिक मूर्ति की चिट्ठी कंपनी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. मूर्ति की चिट्ठी में सही तथ्य नहीं थे. ऐसी अफवाहों को पहले ही खारिज किया जा चुका था. मूर्ति के मकसद पर कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती.

बोर्ड ने कहा कि कंपनी का कॉरपोरेट गवर्नेंस मजबूत है. सिक्का ने कंपनी को दोबारा ऊंचाई पर पहुंचाया है. सिक्का पर आरोपों से लगातार बोर्ड भी परेशान हो रहा है. मूर्ति लगातार अनुचित मांग करते रहे. सिक्का के 3 साल के कामकाज पर गर्व है. उनके इस्तीफे से क्लाइंट्स सर्विस पर कोई असर नहीं होगा.

इन्फोसिस के रवी वेंकटेशन ने कहा कि दूसरी तिमाही में मजबूत नतीजे पेश करना प्राथमिकता है. स्ट्रैटेजी में बदलाव नहीं कर सकते. सिक्का अब जैसे मजबूत लीडर को ढूंढना होगा. सिक्का का उत्तराधिकारी ढूंढना चुनौती भरा काम है. वहीं इन्फोसिस के अंतरिम एमडी और सीईओ यूबी प्रवीण राव ने कहा कि इन्फोसिस एक प्रतिष्ठित कंपनी है. कंपनी लगातार और हमेशा अच्छा प्रदर्शन जारी रखेगी. शेयरधारकों के साथ संपर्क बढ़ाने पर फोकस बना रहेगा.