नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में चल रहे अयोध्या मामले की सुनवाई के बीच शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे सादिक ने एक बार फिर विवादित ज़मीन को हिंदुओं को देने की अपील की है. मुंबई में एक प्रोग्राम के दौरान उन्होंने कहा, अगर विवादित जमीन को लेकर फैसला मुसलमानों के पक्ष में न भी आए तो उन्हें इसका कोई विरोध नहीं करना चाहिए.

मौलाना सादिक ने कहा, "बाबरी मस्जिद मामला सुप्रीम कोर्ट में है. अगर फैसला मुसलमानों के हक़ में न आए तो मुसलमान को इस फैसले का स्वागत करना चाहिए, कोई प्रोटेस्ट न करें. और अगर फैसला मुसलमान के हक़ में आ जाए तो मुसलमानों को बाबरी मस्जिद की ज़मीन हिंदुओं को दे देना चाहिए."

सादिक पहले भी ऐसा बयान दे चुके हैं. उनके बयान की तारीफ केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने की. उन्होंने कहा, मौलाना सादिक ने हमारा दिल जीत लिया है. भगवान राम किसी एक के नहीं हैं. वह भारत की आत्मा हैं.

हिंदुओं के पक्ष में सादिक के बयान से पहले शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा डालकर राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद को नया मोड़ दे दिया है. शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा दाखिल हलफनामे में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की जगह उसे पक्षकार बनाने की मांग की गई. यही नहीं इस अर्जी में विवाद को सुलझाने का फॉर्मूला भी सुझाया गया है.

फ़ॉर्मूले के तहत विवादित स्थल हिन्दुओं को राम मंदिर निर्माण के लिए दे दिया जाए और अयोध्या में ही मस्जिद बनाने के लिए मुस्लिमों को दूसरी जगह दी जाए. शिया वक्फ बोर्ड ने दावा किया है कि वह विवादित स्थल सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की नहीं, बल्कि शिया वक्फ बोर्ड मिल्कियत है.