लखनऊ: लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मुख्यालय के सामने गुरुवार को टीईटी सफल अभ्यर्थियों पर प्रदर्शन के दौरान जमकर लाठियां बरसाई गईं। इससे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों में भगदड़ मच गई। इसके चलते विधानसभा मार्ग पर घंटों अफरातफरी का माहौल रहा। यूपी के विभिन्न जिलों से आए इन प्रदर्शनकारियों में कई को लाठीचार्ज में चोट आई। इस दौरान एक महिला बेहोश भी हो गई।
नियुक्ति की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे ये बीएड टीईटी सफल अभ्यर्थी राज्य सरकार से वार्ता पर अड़े थे। लाठीचार्ज में कई प्रदर्शनकारी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। राज्य सरकार के रवैये पर प्रदर्शनकारियों ने गहरी नाराजगी जताई है। हाल यह रहा कि इनको वहां से हटाने के लिए पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। यहां से खदेड़े जाने के बाद सभी जीपीओ के पास आ गए, पर पुलिस ने उन्हें यहां रुकने नहीं दिया।

संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु प्रताप सिंह ने कहा कि विगत 32 दिन से नियमितीकरण एवं 30 माह से बकाया मानदेय भुगतान समेत विभिन्न मांगों के समर्थन में अहिंसात्मक धरना-प्रदर्शन पर शासन ने अब तक कोई कार्यवाही नहीं की। अपर मुख्य सचिव से हुई वार्ता का भी कोई परिणाम नहीं आने पर हम लोगों को मजबूरन विधान सभा का घेराव करना पड़ा। प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष अकमल खान ने बताया कि विगत वर्ष विधान सभा चुनाव से पूर्व केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के आह्वान पर झूलेलाल पार्क में सवा लाख साक्षरताकर्मियों ने अधिकार दिलाओ रैली में प्रतिभाग किया था। जिसमें गृहमंत्री ने प्रदेश में भाजपा की सरकार आने पर साक्षरताकर्मियों को नियमित करने का वादा किया था। किन्तु सरकार गठन को 3 माह से अधिक का समय बीत चुका है, फिर भी सरकार ने साक्षरतार्मियों के नियमितीकरण पर अब तक कोई कदम नहीं बढ़ाया है। यहां तक कि लगभग 30 माह से बिना मानदेय के कार्य कर रहे प्रेरक एवं समन्वयक एक माह से अनवरत धरने पर बैठे हैं, और उनकी आवाज को सुनने वाला कोई नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि हम साक्षरताकर्मी अब बिना अधिकार लिए अपने घर लौटने वाले नहीं हैं। एक न एक दिन माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हमारी आवाज सुननी ही होगी। इसके लिए आवश्यकता पड़ने पर सम्पूर्ण प्रदेश के सवा लाख साक्षरताकर्मी सड़कों पर उतर कर आन्दोलन में भी पीछे नहीं रहेंगे। मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में साक्षरताकर्मियों ने राज्यकर्मी का दर्जा दिए जाने तक सम्मानजनक मानदेय देने, वर्ष 2014 से बकाया मानदेय का एकमुश्त भुगतान, आकस्मिक अवकाश का निर्धारण, लोक शिक्षा भवनों का निर्माण, साक्षरताकर्मियों को वित्तीय अधिकार दिलाने, विभिन्न गतिविधियों पर निर्धारित बजट को सम्बंधित समिति के खातों में प्रेषित करने, कार्यालयों में इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने, सूचनाओं के आदान-प्रदान हेतु स्मार्ट फोन की व्यवस्था करने समेत विभिन्न मांगे उठाई हैं।