भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं जयंती पर लोकसभा में शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई

नई दिल्ली: भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं जयंती पर लोकसभा में शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का दिन हमारे लिए गौरव का दिन है. इतिहास का स्मरण हमें शक्ति देता है. युवाओं ने आंदोलन को आगे बढ़ाया था.

अगस्त क्रांति के उपलक्ष्य में संसद के विशेष सत्र में प्रधानमंत्री ने कहा, महात्मा गांधी ने नारा दिया था, करेंगे या मरेंगे. उन्होंने कहा था, अंग्रेजों की हिंसा के कारण जो शहीद होता है उसके शरीर पर भी यही नारा लिखेंगे. उनके प्रयास ने देश में एक अलख जगा दी थी. इसके बाद ही देश उठ खड़ा हुआ था.
पीएम ने कहा, बापू के प्रयास से ही 1942 से 1947 तक बेड़ियां चकनाचूर हो गईंं और भारत आजाद हो गया. 1857 से 1947 के बीच कई पड़ाव आए.

'भारत छोड़ो' आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि वह देश को साम्प्रदायिकता, जातिवाद और भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं से मुक्त बनाने के लिए कदम उठाएं और 2022 तक 'नये भारत' का निर्माण करें. महात्मा गांधी के नेतृत्व में साल 1942 में हुए ऐतिहासिक आंदोलन में भाग लेने वाले सभी लोगों को सलाम करते हुए मोदी ने लोगों से इससे प्रेरणा लेने को कहा.

मोदी ने टिवटर पर लिखा कि आजादी पाने के लिए महात्मा गांधी के नेतृत्व में पूरा देश एकजुट हुआ था.

उन्होंने लिखा है, 'ऐतिहासिक भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ पर हम आंदोलन में भाग लेने वाले सभी महान महिलाओं और पुरुषों को सलाम करते हैं.' उन्होंने लिखा, '1942 में भारत को उपनिवेशवाद से मुक्त कराने की जरूरत थी. आज, 75 साल बाद मुद्दे अलग हैं. भारत को गरीबी, गंदगी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद, साम्प्रदायिकता से मुक्त कराने और 2022 तक ‘नये भारत’ का निर्माण करने की शपथ लें. ‘संकल्प से सिद्धि’ का नारा देते हुए प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे कंधे-से-कंधा मिलाकर ‘‘ऐसे भारत का निर्माण करें जिस पर हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का गर्व हो’’.