धार: मध्य प्रदेश के धार में सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र में आने वाले गांव वालों के समर्थन में अनशन पर बैठीं मेधा पाटकर और उनके समर्थकों को पुलिस ने ज़बरदस्ती हटा दिया है. इस दौरान पुलिस और आंदोलनकारियों को बीच झड़प भी हुई. उपवास से मेधा का स्वास्थ्य बिगड़ रहा था. मेधा पाटकर की मांग है कि इलाक़े के हर एक व्यक्ति का जब तक पुनर्वास नहीं हो जाए तब तक विस्थापन रोका जाए.

बता दें कि पूर्ण पुनर्वास के बाद ही विस्थापन की मांग को लेकर मेधा अन्य 11 लोगों के साथ 27 जुलाई से अनिश्चितकालीन उपवास पर हैं. धार जिले के चिखिल्दा में चल रहे उपवास को विभिन्न दलों से लेकर सामाजिक संगठनों का साथ मिल रहा है. सोमवार की शाम को बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी धरना स्थल पर पहुंचे और जबरन मेधा पाटकर व उनके साथियों को उठाकर अपने साथ ले गए. आंदोलनकारियों ने पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया. इस दौरान दोनों के बीच झड़प भी हुई.

मेधा की बिगड़ती तबीयत को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी चिंता जता चुके हैं और उनसे उपवास खत्म करने का आग्रह कर चुके हैं. उन्होंने इंदौर के संभागायुक्त संजय दुबे, अपर सचिव चंद्रशेखर बोरकर के साथ भय्यूजी महाराज को शनिवार को मेधा से संपर्क करने भेजा था, मगर बात नहीं बनी.

गौरतलब है कि सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई 138 मीटर किए जाने से मध्य प्रदेश की नर्मदा घाटी के 192 गांव और इनमें बसे 40 हजार परिवार प्रभावित होने वाले हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने 31 जुलाई तक पूर्ण पुनर्वास के बाद ही विस्थापन और बांध की ऊंचाई बढ़ाने का निर्देश दिया था. जहां नई बस्तियां बसाने की तैयारी चल रही हैं, वहां के हालत रहने लायक नहीं हैं.