कानपुर: जमीअत उलमा कानपुर नगर की कार्यकारिणी बैठक जामिया महमूदिया अशरफुल उलूम जाजमऊ में हजरत मौलाना अनवार अहमद जामई अध्यक्ष शहरी जमीअत की अध्यक्षता में आयोजित हुई जिसमें 13 अगस्त को शांति मार्च, ईद-उल-अज़हा(बकरीद) के संबंध में अधिकारियों से मुलाकात और जेल में बन्द बेकुसूर कैदियों की रिहाई, जिनकी सज़ा पूरी हो चुकी हो लेकिन मामूली और छोटे-छोटे कारणों से कैद व बन्द झेल रहे हैं तथा अन्य मामलों के लिए भी समिति का गठन किया गया है, ताकि सब काम बखूबी अंजाम दिए जा सके। रिपोर्ट जमीअत उलमा उत्तर प्रदेष के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक उसामा क़ासमी ने पेष की और कहा कि 13 अगस्त को शांति मार्च ‘‘ सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्ताँ हमारा ’’ पैग़ाम के साथ निकाला जाएगा।

देश में सांप्रदायिकता व नफरत बढ़ रही है भीड़ के जरिये निर्दोषों की हत्या की जा रही है और प्रथमदृष्टया प्रशासन बेबस नजर आ रहा है ऐसे समय में सांप्रदायिक तत्वों की नापाक साजिशों को नाकाम करने, नफरत व सांप्रदायिकता मिटाने, शांति, प्यार व मोहब्बत और भाईचारा को बढ़ावा देने के लिए जमीअत उलमा ए हिन्द ने दिल्ली में आयोजित कार्यकारिणी की बैठक में तय किया था कि क्षे़त्रीय रूप से 13 अगस्त को ‘‘शांति मार्च’’ मार्च निकाला जाए और इसमें विभिन्न धर्मों के धर्मगुरूओं, सामाजिक नेताओं को भी साथ लिया जाए ताकि देश में शांति व अमन का संदेश आम हो। इसके लिए कई लोगों को जिम्मेदारी सौंपी गई है जो विभिन्न धर्मों के धर्मगुरूओं से संपर्क करके शांति मार्च में शामिल होने के लिए आमंत्रित करेंगे और शांति मार्च को प्रभावशाली बनाने के लिए काम करेंगे। शांति मार्च से संबंधित प्रस्ताव पास किया गया कि इसमें भाग लेने के लिए हर वर्ग और हर मजहब और मीडिया को भी भागीदारी के लिए आमंत्रित किया जायेगा। मार्च में आपसी एकता और गरिमा बनाए रखा जाए, किसी भी प्रकार की उत्तेजना से बचें , शांति और भाईचारा के लेख वाले बैनर और प्ले कार्ड और जमीअत उलमा हिन्द और भारत का राष्ट्रीय तिरंगा झंडा हाथ में रखें और मार्च के अंत में ‘‘सांप्रदायिक सद्भाव की आवष्यकता और महत्व’’ पर बयान होगा , जिसमें केवल सकारात्मक बातचीत की जाएगी।

कैदियों की रिहाई के बारे में भी प्रस्ताव पास किया गया कि बिना भेदभाव धर्म व वर्ग छोटे व झूठे मामलों में फंसकर जेल में बंद ऐसे कैदी जिनकी कोई गारंटी लेने वाला नहीं तथा उनकी सजा की अवधि पूरी हो गई है मुआवजा आदि न होने के कारण कैद व बन्द की परेषानियों का सामना कर रहे हैं उनकी रिहाई के लिए जेलर से मिलकर उक्त लोगों की सूची प्राप्त करने और उन्हें छुड़ाने के लिए कानूनी कार्यवाही कराने के लिए भी समिति का गठन किया गया है जिसमें डॉक्टर हलीमुल्लाह खां, हामिद अली अंसारी, शारिक नवाब शामिल हैं ये लोग जेल के अधिकारियों से मुलाकात करके पूरा विवरण प्राप्त करेंगे और जुबैर अहमद फारूकी को आरटीआई के जरिये कैदियों का विवरण पता करने की जिम्मेदारी दी गई है। ईद-उल-अज़हा (बकरीद) का त्यौहार बिल्कुल करीब है जिसे शांतिपूर्ण तरीके से मनाने के लिए जिला प्रशासन से मुलाकात के लिए भी समिति बनाई गई है जो अधिकारियों से मुलाकात करके समस्याओं को हल करने में अपनी भूमिका निभाएगी। सब कामों की रिपोर्ट जमीअत उलमा हिन्द के महासचिव मौलाना सैयद महमूद असद मदनी साहब को भेजी जाएगी ये सभी निर्णय हाल ही में आयोजित हुए कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए थे जो पूरे भारत में किए जा रहे हैं। भारत के मुसलमानों विषेषकर मदरसों व कालजों के प्रिंसिपलों से अपील की गई है कि वे स्वतंत्रता दिवस पूरे उत्साह के साथ मनाएं और स्वतंत्रता सेनानियों के कारनामे, कुरबानियों से नई पीढ़ी को अवगत कराएं।
जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक उसामा कासमी ने कहा कि इस समय जो स्थिति है वह सबके सामने हैं आप सभी लोग इससे परिचित हैं ये समय हमारे चुप बैठने का नहीं है उपरोक्त काम को पूरी तन्मयता के साथ सम्पन्न करें। इंषा अल्लाह बेहतर परिणाम निकलेगा। बदलती परिस्थितियों व मिज़ाज़ पर गहरी नजर रख कर पूरी रणनीति के साथ काम करें और अल्लाह से बराबर दुआ करते रहें । असामाजिक़ तत्वों की हरकतों पर नजर रखें और तुरंत उनकी नापाक साजिशों को विफल बनाने का काम करें , ये समय जोश में नहीं बल्कि होश में काम करने के लिए है। बैठक की शुरूआत क़ारी अनीस अहमद साबरी की तिलावत से हई। बैठक में मौलाना अनवार अहमद जामई, मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक उसामा क़ासमी के अलावा डॉक्टर हलीमुल्लाह खां, हबीबुल्लाह, महमूद आलम कुरैशी, जुबैर अहमद फारूकी, शारिक नवाब, हाजी शफीक आलम, मौलाना अनीस खान कासमी, मौलाना इनामुल्लाह क़ासमी, मौलाना अनीसुर्रहमान क़ासमी, क़ारी अनीस अहमद साबरी, मौलाना मुहम्मद शफी मज़ाहिरी, मौलाना नूरुद्दीन अहमद क़ासमी, मौलाना मुहम्मद अकरम जामई, मुफ्ती उस्मान अहमद कासमी, मौलाना आफताब आलम क़ासमी, मौलाना फरीदुद्दीन कासमी, क़ारी अब्दुल मुईद चैधरी, मुफ्ती इज़हार मुकर्रम क़ासमी सहित अन्य कार्यकारिणी सदस्यगण मौजूद थे।