वाइब्रेन्ट सेरेमिक्स के दूसरे संस्करण से जुड़े डीलरों और वितरकों ने उत्तर प्रदेश में की मुलाकात

लखनऊ : वाइब्रेन्ट सेरेमिक्स 2017 के आयोजनकर्ताओं मोरबी सेरेमिक्स एसोसिएशन एवं आॅक्टागन कम्युनिकेशन्स प्रा लिमिटेड ने तैयार उत्पादों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी सेरेमिक प्रदर्शनी के कर्टेनरेज़र का ऐलान किया। इस भव्य कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि, किसान कल्याण एवं पंचायती राज मंत्री परषोत्तम रुपाला तथा सड़क, परिवहन, राजमार्ग, नौवहन और रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया के द्वारा की गई। प्रदर्शनी दुनिया के 5 महाद्वीपों एवं 65 से अधिकदेशों से सेरेमिक उद्योग के दुनिया के सबसे बड़े संघ को उत्कृष्ट मंच प्रदान करेगी। मोरबी सेरेमिक्स एसोसिएशन के सदस्यों तथा उद्योगजगत के दिग्गजों ने भी कार्यक्रम में शिरकत की।

दुनिया भर में सेरेमिक की खपत की बात करें तो भारत इसमें 12.9 फीसदी यानि 25,000 करोड़ रु के राजस्व में योगदान देता है। गुजरात में मोरबी की प्रासंगिकता इस तथ्य की पुष्टि करती है कि शहर सेरेमिक सेक्टर के राजस्व में 90 फीसदी से ज़्यादा योगदान देता है।

वाइब्रेन्ट सेरेमिक्स के दूसरे संस्करण का आयोजन इसी साल 16-19 नवम्बर के बीच गुजरात की राजधानी गांधीनगर में होगा। तीन दिनों के इस कार्यक्रम के दौरान उद्योग जगत के अत्याधुनिक विकास कार्यों, आधुनिक समाधानों एवं उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा कई सेमिनार एवं विचार-विमर्श सत्र भी आयोजित किए जाएंगे।

आॅक्टागन कम्युनिकेशन के सीईओ संदीप पटेल ने कहा, ‘‘हमें वाइब्रेन्ट सेरेमिक्स 2017 के दूसरे संस्करण का ऐलान करते हुए बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है जो उद्योग जगत का ऐतिहासिक कार्यक्रम है। नई तकनीकों के आगमन के साथ हमारा उद्योग विकास की दिशा में तेज़ी से अग्रसर है, हम उम्मीद करते हैं कि हमें विकास की अगली प्रावस्था के लिए केन्द्र एवंराज्य सरकार, विभिन्न हितधारकों तथा हमारे साझेदारों से भरपूर सहयोग मिलेगा।’’

वाइब्रेन्ट सेरेमिक्स 2017 के प्रेज़ीडेन्ट और मोरबी धुवा ग्लेज़्ड टाईल्स एसोसिएशन के प्रेज़ीडेन्ट नीलेश जेटपरिया ने रोजगार सृजन में सेक्टर के योगदान पर ज़ोर देते हुए कहा, ‘‘सेरेमिक्स उद्योग भारत सरकार के विभिन्न अभियानों जैसे मेक इन इण्डिया, स्किल इण्डिया, स्वच्छ भारत अभियान के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है। हम देश के आर्थिक विकास में योगदान देने तथा रोज़गार के अवसर पैदा करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। वर्तमान में हम राजस्व में 4 बिलियन डाॅलर का योगदान देते हैं तथा 10 लाख से अधिक कुशल एवं अकुशल कर्मचारी हमारे साथ काम कर रहे हैं।’’