पटना: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. सोशल मीडिया के जरिये लगातार नीतीश पर निशाना साधने वाले तेजस्वी बुधवार को अपने आवास पर संवाददाताओं से बात कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि हम लगातार सीएम से सवाल पूछ रहे हैं लेकिन वो लगातार इसका जवाब देने से भाग रहे हैं. नीतीश ने हम पर एफआईआर को महागठबंधन तोड़ने का पैमाना बनाया लेकिन नई सरकार के 75 फीसदी मंत्री दागी हैं ऐसे में वो कैसे उनके साथ सरकार में बैठे हैं.

पनामा को लेकर सवाल पूछते हुए तेजस्वी ने कहा कि क्या जिन बीजेपी शासित प्रदेश के सीएम और उद्योगपतियों का नाम इस घोटाले में आया है क्या उन पर सरकार कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा कि यह ऐसा घोटाला था जिसमें दो देशों के पीएम को नपना पड़ा लेकिन भारत में इसको लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं है.

तेजस्वी ने कहा कि बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी पर पांच केस दर्ज हैं लेकिन सीएम को उनके साथ बैठना अच्छा लग रहा है. देश और बिहार की जनता जवाब मांग रही है नीतीश जी से. उन्होनें नीतीश की अंतरात्मा पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि कुर्सी और वक्त के हिसाब से नीतीश की अंतरात्मा बदलती और जागती है.

देश को आरएसएस मुक्त कराने वाले सीएम बिहार में भी आरएसएस को ले आये. तेजस्वी ने कहा कि नीतीश जी को किये गये पाप को हमेशा सुनने को मिलेगा. नीतीश ने न केवल लोगों को ठगा बल्कि उनके वोटों पर डकैती भी की. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि नीतीश मंडल कमीशन के दौर में कमंडल के साथ भागे थे. मंडल के लोगों को जब भी साथ देने की बात आती है तो नीतीश पीठ दिखा कर भाग जाते हैं.

तेजस्वी ने कहा कि गोडसे के वंशजों के साथ जाने वाले लोग विकास की बातें करते हैं. बिहार को नीतीश चार साल पीछे ले गये हैं. इस दौरान नीतीश की अंतरात्मा चार बार जागी और सोयी. नीतीश की अंतरात्मा सिर्फ कुर्सी के हिसाब से जागती है.

नैतिकता की दुहाई दे कर तेजस्वी ने कहा कि हम सदन से लेकर बाहर तक आंदोलन करेंगे और सीएम से जवाब लेकर रहेंगे. उन्होंने कहा कि जिन लोगों के बेटे, दामाद चुनाव हार गये उन्हें नैतिकता की दुहाई देने वाले सीएम मंत्री बना रहे हैं. सीएम ने सिर्फ मुझे मोहरा बनाया लेकिन अब सारी नीतियां धरी की धरी रह गईं.

मालूम हो कि मंगलवार को राजद सुप्रीमो और उनके पिता लालू यादव ने भी नीतीश पर जुबानी हमला बोला था. लालू ने आंकड़ों और साक्ष्य के साथ नीतीश की योग्यता से लेकर राजनीतिक काबिलियत पर सवाल खड़े किये थे.