पटना: जेडीयू और बीजेपी के साथ आने से एनडीए के कुछ घटक दलों में तो नाराज़गी है ही, इधर जेडीयू में भी मनमुटाव बना हुआ है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व में एनडीए के संयोजक रहे शरद यादव लगातार अपनी नाराज़गी ज़ाहिर कर रहे हैं. आज भी उन्होंने कहा कि वह आरजेडी-जेडीयू गठबंधन टूटने से नाराज़ हैं. वह खुलकर तो कुछ नहीं बोल रहे हैं, लेकिन रविवार को ट्वीट कर जिस तरह से उन्होंने मोदी सरकार पर सवाल उठाए उससे साफ है कि वह नीतीश के बीजेपी के साथ सरकार बनाने से ख़ुश नहीं हैं. इधर, लालू यादव का दावा है कि शरद यादव उनके साथ हैं. ऐसे में राजनीतिक गलियारों में ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि शरद यादव नीतीश का साथ छोड़ कर लालू से हाथ मिला सकते हैं.

शरद यादव ने कहा है कि बिहार में जो भी हुआ है वो अप्रिय है. आरजेडी से जेडीयू के गठबंधन टूटने का मुझे अफ़सोस है. इस पर जेडीयू के नेता केसी त्यागी ने कहा कि शरद यादव हमारी पार्टी के बड़े नेता हैं. समय-समय पर वह राष्ट्रीय समस्याओं को लेकर अपने विचार व्यक्त करते रहे हैं. ये भी उसी की एक कड़ी है.

आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा कि नीतीश ने उपेक्षित और वंचित समाज के जनादेश पर डकैती की है. संघी, मनुवाद से मिलकर नीतीश की इस डकैती का शरद यादव हिस्सा नहीं बनेंगे. शरद के सामने तमाम लोगों को इकट्ठा करने की ऐतिहासिक ज़िम्मेदारी है. हमें 'वी द पीपल' को 'वी द संघी पीपल' में तब्दील होने से रोकना है.

रविवार को शरद यादव ने ट्वीट किया था कि ना तो विदेशों में छिपा काला धन आया, ना ही पनामा पेपर में जिनके नाम थे वो पकड़े गए. इस पर बीजेपी के नेता अश्विनी चौबे ने कहा कि पीएम मोदी ने कहा है तो स्वदेश, विदेश का काला धन वापस आएगा.शरद जी को इतनी जल्द सरकार पर ग़ुस्सा नहीं उतारना चाहिए. वहीं जेडीयू के नेता अली अनवर ने कहा कि शरद यादव ने बिल्कुल ठीक कहा है. संसद में भी वह कहते रहे हैं.