दिल्ली: ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल किये जाने की राह में भारतीय क्रिकेट कण्ट्रोल बोर्ड (BCCI) बड़ा रोड़ा साबित हो रहा है क्योंकि बीसीसीआई को लगता है कि अगर क्रिकेट ओलंपिक में शामिल होता है तो इससे बीसीसीआई के फ्रीडम को खतरा है। बीसीसीआई ऐसा बिल्कुल भी नहीं होने देना चाहता। इसके अलावा क्रिकेट के ओलंपिक में शामिल होने का मतलब है बीसीसीआई को भी ओलंपिक संघ में शामिल होना होगा। वहां शामिल होने का सीधा मतलब है कि बीसीसीआई को अपनी कमाई का हिस्सा आईओए के साथ शेयर करना होगा।

1900 में पेरिस ओलंपिक गेम में आखिरी बार क्रिकेट खेला गया था और अब आईसीसी ने 2024 ओलंपिक में क्रिकेट के टी-20 फॉर्मेट को शामिल कराने में लगा है। आपको बता दें 2024 ओलंपिक फिर से पेरिस में होना है। लेकिन इस बार जब आईसीसी खुद इसके लिए प्रयास कर रही है, ऐसे में दुनिया का सबसे अमीर बोर्ड बीसीसीआई क्रिकेट के ओलंपिक में शामिल होने की राह में रोड़ा बना हुआ है।

इधर आईसीसी, बीसीसीआई को राजी करने के लिए हर संभव कोशिश में लगा है क्योंकि यह बात जगजाहिर है कि बीसीसीआई और भारत जैसी बड़ी टीम के बिना क्रिकेट के किसी बड़े टूर्नामेंट की कल्पना करना भी मुश्किल है।

आईओसी(IOC) ने ओलंपिक खेलों में क्रिकेट को शामिल करने के लिए आईसीसी से बड़ी टीमों और उसके खिलाड़ियों के खेलने का आश्वासन मांगा है। जिस वजह से आईसीसी के लिए भारत के बिना एक कदम चलना भी मुश्किल है।

आईसीसी के पास सितंबर तक का समय है, जिसके भीतर उसे आईओसी को अपना फैसला बताना है, ताकि इसके आगे की प्रक्रिया को पूरा किया जा सके। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित प्रशासकों की समिति ने भी बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी से क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल करने को लेकर रिपोर्ट मांगी है।

बीसीसीआई अगर सहमत होता है तो 2024 के ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल किया जा सकता है।