पटना: बिहार में जदयू-राजग गठबंधन की सरकार बनने भी आरजेडी की ओर से जुबानी जंग खत्म नहीं हो गई है. इसके बजाय आरजेडी और मुखर होकर नीतीश कुमार को निशाने पर लिए हुए है. तेजस्वी से लेकर पार्टी सुप्रीमो लालू यादव और आरजेडी प्रवक्ता लगातार नीतीश के गठबंधन तोड़ने के फैसले को जनादेश का अपमान बता रहे हैं. पार्टी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाना बनाते हुए 'जनादेश पर डाका' का आरोप लगाया है. पार्टी प्रवक्ता मनोज झा ने कहा, "हम गलत थे कि नीतीश कुमार के हर शब्द पर भरोसा कर रहे थे. पिछले एक साल से वह आरएसएस के मुख्यालय नागपुर की पटकथा के अनुसार चल रहे थे.

हालांकि पार्टी नई सरकार के गठन को चुनौती देने का मन बना चुकी है. पार्टी राज्यपाल के आमंत्रण के खिलाफ वह 'एक हफ्ते के अंदर' अदालत का दरवाजा खटखटाएगी. इतना ही नहीं जनता की अदालत में भी जाने की बात कही. बकौल राजद प्रवक्ता मनोज झा, "हम अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे और जनता की अदालत में भी जाएंगे और लोगों को बताएंगे कि दोनों पार्टियां भाजपा और जदयू किस प्रकार की राजनीति कर रही हैं." राजद नेता ने नीतीश कुमार को चुनौती दी कि वह दलित, महादलित और अन्य पिछड़े वर्ग वाले लोगों के प्रभाव वाले किसी क्षेत्र में सभा करें. उन्होंने दावा किया कि कुमार को लोगों के रोष का सामना करना पड़ेगा.

राजद नेता ने कहा कि हर जनादेश का अपना एक चरित्र होता है और बिहार में दलितों, अल्पसंख्यकों और ऊंची जातियों के कुछ प्रगतिशशील तबकों ने पूर्ववती सरकार के लिए मतदान किया था. लेकिन जदयू के महागठबंधन के तोड़ देने से वह जनादेश गिर गया है. झा ने यहां एक कार्यक्रम से इतर कहा कि युवाओं सहित बिहार के लोगों ने समावेशी बिहार के लिए जो जनादेश दिया था, उसपर डाके से वे छला हुआ महसूस कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ सरकार बनाने के लिए कुमार को आमंत्रित करने का राज्यपाल का फैसला बोम्मई मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले का 'स्पष्ट उल्लंघन' है.

उन्होंने कहा, 'एसआर बोम्मई मामले के फैसले के अनुसार सरकार गठित करने की संभावना तलाश करने के लिए सबसे बड़े दल या चुनावी गठबंधन को बुलाना अनिवार्य है.' झा ने कहा, 'हम जल्दी ही अदालत जाएंगे, एक सप्ताह के अंदर.' उन्होंने कहा कि पार्टी जनता की अदालत में जाएगी और उन्हें भाजपा द्वारा रची गई 'साजिश' के बारे में बताएंगे.