नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया अभियान को जोरदार धक्का लगा है। देश में निर्मित जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल आकाश एक तिहाई बुनियादी परीक्षणों में फेल रही है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मिसाइलों की कमी के कारण देश युद्ध के दौरान एक जोखिम के दौर से गुजर सकता है। सीएजी की रिपोर्ट संसद को सौंपी जा चुकी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मिसाइल लक्ष्य से कम दूरी पर ही गिर गया। इसके अलावा उसमें आवश्यकता से कम वेलोसिटी थी और मिसाइल के कई महत्वपूर्ण इकाइयां खराब चल रही थीं।

वायु सेना के अधिकारियों ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। आकाश मिसाइल का निर्माण बेंगलुरु स्थित सरकारी एजेंसी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स ने किया है, जिस पर करीब 3 हजार 6 सौ करोड़ रुपये की लागत आई थी। सीएजी के रिपोर्ट में कहा गया है कि आकाश के निर्माताओं को 3600 करोड़ रुपये अदा किए गए लेकिन छह चिन्हित स्थानों में से एक पर भी मिसाइल को इन्स्टॉल नहीं किया जा सका। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कॉन्ट्रैक्ट किए सात साल हो चुके हैं।