भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्‍ज़ि‍म बैंक) ने भारत सरकार की ओर से गयाना सरकार को 17.5 मिलियन यूएस डॉलर की ऋण-व्यवस्था प्रदान की। यह ऋण-व्यवस्था गयाना में तीन अस्पतालों के आधुनिकीकरण के लिए दी गई है। इस संबंध में ऋण-व्यवस्था करार पर बुधवार, 19 जुलाई, 2017 को जॉर्जटाउन में हस्ताक्षर हुए। करार पर गयाना के माननीय वित्त मंत्री श्री विंस्टन जॉर्डन और एक्ज़िम बैंक के वाशिंगटन कार्यालय के निवासी प्रतिनिधि श्री शैलेष प्रसाद ने हस्ताक्षर किए। हस्ताक्षर के दौरान गयाना में भारत के माननीय उच्चायुक्त श्री वी. महालिंगम, सुश्री वोल्दा लॉरेंस, माननीय स्वास्थ्य मंत्री, गयाना सरकार, श्री जयपॉल शर्मा, कनिष्ठ वित्त मंत्री, गयाना सरकार तथा भारत में गयाना के माननीय उच्चायुक्त डॉ. डेविड गोल्डविन पोलार्ड उपस्थित रहे।

17.5 मिलियन यूएस डॉलर के इस ऋण-व्यवस्था करार पर हस्ताक्षर के साथ एक्ज़िम बैंक अब तक गयाना सरकार को भारत सरकार की ओर से कुल 109.88 मिलियन यूएस डॉलर की आठ ऋण-व्यवस्थाएं प्रदान कर चुका है। गयाना सरकार को प्रदान की गई ऋण-व्यवस्थाओं के अंतर्गत वित्तपोषित परियोजनाओं में क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण, ट्रैफिक सिग्नल सिस्टम की आपूर्ति और संस्थापना, सिंचाई पंपों की आपूर्ति, अस्पताल, सड़क निर्माण परियोजना, यात्री मालवाहन फेरी वेसल की आपूर्ति और उच्च क्षमता वाले ड्रेनेज पंपों की आपूर्ति जैसी परियोजनाएं शामिल हैं। दक्षिण अमेरिका के कैरिबियन तट पर स्थित गयाना पूर्व में सूरीनाम, दक्षिण में ब्राजील, पश्चिम में वेनेजुएला और उत्तर में अटलांटिक महासागर से घिरा है। गयाना को भारत का निर्यात वर्ष 2016-17 के दौरान 14.4 प्रतिशत गिरकर 34.5 यूएस डॉलर का रह गया, जो 2015-16 में 40.4 मिलियन यूएस डॉलर का था। निर्यात में यह गिरावट प्राथमिक रूप से मशीनरी और इंस्ट्रूमेंट तथा परिवहन उपकरणों के निर्यात में कमी के कारण आई। वहीं, गयाना से भारत का आयात भी 2015-16 के 21.9 मिलियन यूएस डॉलर से गिरकर 2016-17 में 20.01 यूएस डॉलर का रहा। आयात में यह गिरावट लकड़ी और लकड़ी के सामान के आयात में कमी के कारण आई, जिनका भारत प्रमुख आयातक है। 2016-17 के दौरान भारत द्वारा लकड़ी और लकड़ी के सामान के कुल आयात का 97% गयाना से ही आयात किया गया। 2016-17 के दौरान गयाना को भारत से निर्यात की जाने वाली मदों में फार्मास्‍युटिकल का प्रमुख है, जो गयाना को भारत से कुल निर्यात का 30.9% रहा। इसके बाद लौह और स्टील (13.2%), बुने और क्रोशिया किए हुए परिधान और सहायक सामग्री (4.6%), मशीनरी और उपकरण (4.6%), लोहे और स्टील की वस्तुएं (4.3%) का स्थान रहा।