लखनऊ: गैंगरेप व जानमाल की धमकी के मामले में जेल में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत सभी सात आरोपियों के खिलाफ मंगलवार को आरोप तय कर दिए गए। पॉक्सो की विशेष अदालत ने गायत्री, विकास, आशीष, अशोक, अमरेंद्र, चंद्रपाल व रूपेश्वर के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 डी, 354 ए (1), 509, 504 व 506 में आरोप तय किए हैं।

अदालत ने गायत्री, विकास, आशीष व अशोक के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 5जी/6 के तहत भी आरोप तय किया है। लिहाजा उनके खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत भी मुकदमे का ट्रायल होगा। विशेष जज उमाशंकर शर्मा ने आरोप तय करते हुए अभियोजन की गवाही के लिए एक अगस्त की तारीख तय की है। अदालत ने इससे पूर्व मुल्जिम विकास वर्मा की डिस्चार्ज अर्जी खारिज कर दी। साथ ही मुल्जिम चंद्रपाल की जमानत अर्जी भी खारिज कर दी।

अदालत का कहना था कि सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। इस दौरान सभी मुल्जिम जेल से अदालत में हाजिर थे। बीते तीन जून को इस मामले के विवेचक व सीओ चौक राधेश्याम राय ने गायत्री समेत अन्य सभी मुल्जिमों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। 824 पन्ने के आरोप पत्र में कुल 24 गवाहों के नाम हैं।
क्या है मामला

18 फरवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इन गायत्री और उनके साथियों के खिलाफ थाना गौतमपल्ली में गैंगरेप, जानमाल की धमकी व पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश पीड़िता की अर्जी पर दिया था। पीड़िता ने गायत्री प्रजापति व उनके साथियों पर गैंगेरप का आरोप लगाते हुए अपनी नाबालिग बेटी के साथ भी जबरन शारीरिक संबंध बनाने का इल्जाम लगाया था। विवेचना के दौरान पुलिस ने गायत्री समेत सभी मुल्जिमों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।