नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट में चल रहा विवाद ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. क्रिकेट एडवायज़री कमिटी यानी सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण ने मंगलवार को रवि शास्त्री (हेड कोच), राहुल द्रविड़ (बैटिंग सलाहकार) और ज़हीर ख़ान (गेंदबाज़ी सलाहकार) की नियुक्ति की थी इसके बावजूद इन्हें ऑफिशियल कॉन्ट्रेक्ट नहीं दिया गया है. गुरुवार को जब बीसीसीआई इनके कॉन्ट्रेक्ट तैयार कर रही थी तभी सीओए ने उन्हें इस कॉन्ट्रेक्ट ड्राफ्ट करने से मना किया और उन्हें भेजने के लिए कहा. अब सीओए हेड कोच और सपोर्टिंग स्टाफ के कॉन्ट्रेक्ट पर कोई फैसला लेगा.

बीसीसीआई के अधिकारी ने क्रिकेटनेक्स्ट को बताया, "इस मामले में मोड़ तब आया जब सीएसी ने शास्त्री के स्पोर्ट स्टाफ को दिए बयान पर सवाल उठाए. दरअसल, शास्त्री ने कहा था कि वो सीएसी के फैसले (राहुल द्रविड़ और ज़हीर ख़ान की न्यूक्ति) से सहमत हैं, लेकिन वो फुल टाइम बॉलिंग कोच चाहते थे जो संजय बांगर (बैटिंग कोच) के साथ काम करे. यहां तक की सीओए नहीं चाहता कि अलग-अलग सहायक कोच की सैलरी में किसी तरह की असमानता की जाए."

"बीसीसीआई की लीगल टीम कॉन्ट्रेक्ट बना रही थी कि सीओए ने उनसे सारे काग़ज़ात मांगे. अब अंतिम फैसला सीओए का ही होगा. सचिन, गांगुली और लक्ष्मण शास्त्री से भी मिलेंगे और अंतिम फैसला उसके बाद ही लिया जाएगा. शास्त्री ने अपने बयान में ये साफ कर दिया है कि द्रविड़ और ज़हीर की मौजूदगी अमूल्य होगी लेकिन वो फिर भी फुल टाइम बॉलिंग कोच चाहते हैं. "

अधिकारी ने आगे बताते हुए कहा कि अभी ज़हीर ख़ान का सैलरी पैकेज पर भी फैसला नहीं हुआ है. जब बोर्ड ने पिछली बार इस भरतीय पूर्व तेज़ गेंदबाज़ के सामने प्रस्ताव रखा था तब उन्होंने 4 करोड़ की मांग की थी. लेकिन ऐसा नहीं लगता कि सीएओ इस मांग को पूरा करेगा क्योंकि बैटिंग कोच संजय बांगर को इससे कहीं कम सैलरी मिल रही है. जबकि वो फुल टाइम कोच हैं.

क्रिकेट सलाहकार समिति (CAC) ने सीओए प्रमुख विनोद राय को पत्र लिखकर इस बात पर अपना 'दुख' व्यक्त किया कि ऐसा दिखाया जा रहा है कि उन्होंने राहुल द्रविड़ और ज़हीर ख़ान की नियुक्तियां मुख्य कोच रवि शास्त्री पर थोपी थीं.

प्रशासकों की समिति (सीएसी) ने ऐसा बर्ताव किया था कि सीएसी को केवल मुख्य कोच नियुक्त करना था जबकि उन्होंने सीमा से बाहर जाकर द्रविड़ और ज़हीर की सलाहकार के तौर पर नियुक्ति भी कर दी.

पत्र में लिखा गया, "हमने ज़हीर और द्रविड़ को रखने के बारे में शास्त्री से बात की थी और उन्होंने इन दोनों को रखने के विचार पर खुशी से स्वीकृति दी थी कि इससे आने वाले दिनों में टीम और भारतीय क्रिकेट को फायदा होगा. शास्त्री की स्वीकृति मिलने के बाद ही हमने ज़हीर और द्रविड़ के नाम की सिफारिश की." पत्र के शुरू में सीएसी ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है. इसमें लिखा है, "ऐसे संकेत मिले हैं कि सीएसी ने अपने दायरे से बाहर जाकर ज़हीर और द्रविड़ को रखने की सिफारिश की और इन दोनों महान खिलाड़ियों के नाम मुख्य कोच पर थोपे गए. साथ ही हमने बैठक खत्म होने के तुरंत बाद आपको, राहुल जौहरी और अमिताभ चौधरी को फोन पर बता दिया था कि बैठक में क्या हुआ था."

इसके अनुसार, "आपको पता ही है कि हमने इस प्रक्रिया में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयत्न किया ताकि भारतीय टीम को सर्वश्रेष्ठ कोच मुहैया कराये जा सकें. लेकिन इससे हमें दुख और निराशा हो रही है कि सीएसी को मीडिया के विभिन्न वर्गों में इस तरह से पेश किया जा रहा है."