लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का पहला बजट नौजवानों में निराशा पैदा करने वाला है और विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा जारी किये गये संकल्प पत्र में युवाओं के लिए जो घोषणाएं की गयी थीं उनमें से एक को भी पूरा नहीं किया गया है। लैपटाप बांटने के सवाल पर बजट में केाई प्रावधान नहीं है और नये रोजगार सृजन के लिए भी बजट में कोई रोड मैप नहीं सुझाया गया है।

उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के मीडिया इंचार्ज एवं पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी ने आज प्रदेश सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किये गये बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बजट में दर्शाये गये घाटे को पूरा करने के लिए कोई सुझाव नहीं दिये गये हैं। जी.एस.टी. से होने वाली आय को बढ़ाचढ़ाकर बताया गया है। हाईवे के किनारे शराब की दुकाने हटाने से आबकारी विभाग को 5 हजार करोड़ का घाटा हुआ है उसे पूरा करने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है।

श्री त्रिपाठी ने कहा कि यह बजट विकास को आगे बढ़ाने वाला नहीं है। बजट केवल मथुरा, काशी और अयोध्या के इर्द-गिर्द धार्मिक पर्यटन तक सीमित रह गया है। बाकी मदों में रूटीन की घोषणाएं हैं। लघु एवं सीमान्त किसानों का पूरा कर्ज न माफ करके एक लाख की सीमा बना दी गयी है। बुन्देलखण्ड के विकास के लिए कोई ठोस कार्यक्रम नहीं घोषित किया गया है। कुल मिलाकर बजट बरोजगारी बढ़ाने वाला और निराशाजनक है।