महिन्द्रा ग्रुप, भारत के अग्रणी व्यावसायिक घरानों में से एक, ने अपने महिन्द्रा हरियाली प्रोग्राम के तत्वधान में 13 मिलियंथ पौधे को रोपकर पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस, वन मंत्री श्री सुधीर मुनगंतीवार और महिन्द्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिन्द्रा वर्ली, मुंबई में आध्या शंकराचार्य गार्डन में रुद्राक्ष के पौधे को रोपने के लिए एकजुट हुये।

महिन्द्रा हरियाली की शुरूआत 2 अक्टूबर 2007 को समूह के 62वें स्थापना दिवस के अवसर पर की गई थी। इसका उद्देश्य हर साल भारत के हरित क्षेत्र के लिए 1 मिलियन पौधों का समावेश करना है। तब से, महिन्द्रा हरियाली ने इस अभियान को गति प्रदान की है और इसके कर्मचारी एवं अन्य हितधारक जैसे कि ग्राहक, वेंडर्स, एवं डीलर्स देशभर में पौधारोपण की मुहिम चला रहे हैं। वे सुनिश्चित कर रहे हैं कि 1 मिलियन पौधों का वार्षिक लक्ष्य पिछले दशक से आगे निकल जाये।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस ने 13 मिलियंथ पौधे को रोपने के दौरान कहा, ‘‘जलवायु हकीकत है और महाराष्ट्र में हम पूरे राज्य भर में सूखे का सामना कर रहे है। जर्मनी जैसे छोटे से देश में पौधों का क्षेत्र 33 प्रतिशत है, जबकि महाराष्ट्र में यह सिर्फ 21 प्रतिशत है। महाराष्ट्र को नया हरित क्षेत्र प्रदान करने के लिए हमारे मिशन के हिस्से के रूप में, हमने अगले दो सालों में 50 करोड़ पौधे लगाने की योजना बनाई है और इस तरह हमारी राज्य के हरित क्षेत्र को 33 प्रतिशत तक ले जाने की योजना है। महिन्द्रा द्वारा रोपे गये पौधों की संख्या को ध्यान में रखकर, अगले एक वर्ष में हमने 13 करोड़ पौधे लगाने की योजना बनाई है। हम फलों के पौधों को सिर्फ पौधारोपण करने के लिए नहीं लगाना चाहते बल्कि किसानों को भी आजीविका के विकल्प प्रदान करना चाहते हैं।‘‘

आनंद महिन्द्रा, चेयरमैन, महिन्द्रा ग्रुप ने कहा, ‘‘मुझे याद है कि मैंने एक दशक पहले महिन्द्रा हरियाली के लाॅन्च के समय सबसे पहला पौधा रोपा था और मुझे इस प्रोग्राम द्वारा वर्तमान में हासिल की गई व्यापकता को देखकर खुशी हो रही है। हम मानव-निर्मित संकट के दौर में हैं और जलवायु परिवर्तन से निपटने तथा पेरिस अनुबंध की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए प्रकृति का हाथ सुदृढ़ करना हमारा कर्तव्य है। महिन्द्रा हरियाली प्रोग्राम इस सरोकार में हमारे योगदान का एक हिस्सा है।‘‘