हैम्बर्ग : जर्मनी का हैम्बर्ग में आज (7 जुलाई) से दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत हो गई लेकिन इससे पहले वहां सड़कों पर करीब एक हजार प्रदर्शनकारियों ने काला कपड़ा और मुखौटा पहन कर विरोध-प्रदर्शन किया। गुरुवार की शाम समारोह स्थल का घेराव करने पहुंचे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई। विरोध-प्रदर्शनों को देखते हुए हैम्बर्ग में 25 हजार पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।

काले लिबास पहने प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने पानी की बौछार की फिर मिर्च पावडर का छिड़काव किया। इसके जवाब में प्रदर्शनकारियों ने भी पुलिस पर बोतलें, पत्थर और अन्य सामान फेंके। घटना से गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने वहां कई गाड़ियों में आग लगा दी और तोड़-फोड़ की । इस झड़प में 75 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इनमें से तीन को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

प्रदर्शन करने वाले वामपंथी संगठनों से जुड़े हैं। इनलोगों ने “नरक में आपका स्वागत है” नाम से एक विरोध प्रदर्शन अभियान शुरू किया है। यह पिछले कुछ हफ्तों में जर्मनी में पंजीकृत 30 जी-20 विरोधियों का हिस्सा है। हैम्बर्ग में हो रहे इस आंदोलन में पूरे यूरोप के एंटी कैपिटलिस्ट हिस्सा लेने पहुंचे हैं। इनमें कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य देशों के स्टूडेन्ट्स भी शामिल हैं। इस विरोध-प्रदर्शन में पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर काम करने वाले कुछ संगठन भी शामिल हैं।

पिछले कुछ वर्षों में जी-20 के शिखर सम्मेलन में यूरोपीय नागरिकों के साथ विरोध-प्रदर्शन का सिलसिला तेज हुआ है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि अंतर्राष्ट्रीय संगठन जलवायु परिवर्तन और विश्व शांति से जुड़े कई मुद्दों को हल करने और उसका समाधान खोजने में असफल रहा है। इनका विरोध-प्रदर्शन मोटे तौर पर इस चिंता के चारों ओर घूमते हैं कि राष्ट्रों के बीच चर्चा का विषय व्यापक रूप से राष्ट्रों के “पूंजीवादी” एजेंडा पर केंद्रित है और उसमें जनता के तात्कालिक मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया जाता है।