नई दिल्ली: कथित गौरक्षकों द्वारा मारपीट और हत्या के कई मामले पिछले दिनों सामने आए। इन मामलों को बोलते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय महासविच राम माधव ने मंगलवार को कहा, “गौ रक्षा (गाय संरक्षण) करना एक पवित्र काम है, लेकिन गाय की रक्षा के नाम पर हत्या करना नहीं पवित्र नहीं है। गाय पवित्र है। गाय की रक्षा करना भी पवित्र है, लेकिन हमारे लिए जीवन खुद भी पवित्र है और गौ रक्षा के नाम पर किसी की जान लेना या मारना पवित्र नहीं है। माधव ने यह बात भारत-बांग्लादेश मैत्री संवाद कार्यक्रम में कही। हालांकि राम माधव ने इस मुद्दे पर विस्तारपूर्वक बात नहीं की, बजाए इसके उन्होंने बांग्लादेश की बात की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के साथ कट्टरतावाद को भारत और बांग्लादेश दोनों देश खतरा मानते हैं।

राम माधव ने कहा कि बांग्ला-बंधु शेख मुजीबर रहमान 1972 में बांग्लादेश वापस लौटे थे और चेतावनी दी थी कि देश में सांप्रदायिकता की राजनीति की इजाजत नहीं दी जाएगी। बंगा-बन्दू ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि बांग्लादेश एक धर्मनिरपेक्ष राज्य होगा जहां सभी लोग अपने-अपने धर्मों का अभ्यास करेंगे। राम माधव ने भारत और चीन के पीछे जारी विवाद पर कहा कि इस मामले को संतुलित और धैर्यपूर्वक संभाले जाने की जरुरत है। यह ऐसे मुद्दे हैं जिनके लिए सभी संबंधित देशों और नेताओं को अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

बता दें कि गौरक्षा के नाम कथित गौरक्षकों द्वारा हिंसा के कई मामले सामने आए है। राजस्थान के अलवर में पहलू खान नाम के शख्स की गौरक्षकों ने बुरी तरह से पीटा था। पिटाई के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया था। इससे पहले गुजरात के ऊना में दलितों को बीफ के शक में गाड़ी से बांधकर पीटे जाने का मामला सामने आया था। पीएम मोदी ने कथित गौरक्षकों को चेतावनी भी जारी की थी। लेकिन चेतावनी के बाद भी उन घटनाओं में कमी देखने को नहीं मिली।