कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी पर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि राज्यपाल को भाजपा नेताओं ने प्रेरित किया है। ममता बनर्जी ने कहा कि राज्यपाल ने भाजपा के एक ब्लॉक प्रमुख के समान भाषा का इस्तेमाल किया है। उन्होंने जिस तरह से मुझसे बात की मुझे अपमानित किया है। मैं ऐसी भाषा सुनने की आदी नहीं हूं। राज्यपाल ने नॉर्थ 24 परगना के बादुरिया में दो समुदायों के बीच हुई हिंसा के बाद ममता बनर्जी को फोन किया था। इसी दौरान कही गई कुछ बातें ममता को अच्छी नहीं लगीं। राज्य की मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच में मतभेद जनता के सामने आना अभूतपूर्व है।

ममता बनर्जी ने कहा कि मेरे पूरे जीवन में मुझे इस तरह से अपमानित नहीं किया गया है। जिस तरीके से उन्होंने मुझसे बात की उसके बाद लगा कि मुझे अपने पद इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि में राज्यपाल की दया से सत्ता में नहीं आई हूं। मैं लोगों की दया से सत्ता में आई हूं। राज्यपाल जिस तरह से संवैधानिक पद पर हैं, वैसे ही उनका पद (मुख्यमंत्री) भी एक संवैधानिक पद है। वह इस तरह मुझसे बात नहीं कर सकते। वह किसी भी एक ग्रुप का पक्ष नहीं ले सकते। मैं इससे बुरी तरह आहत हुई हूं।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में ममता बनर्जी ने कहा कि मैं बंगाल को धर्म के नाम पर नहीं बंटने दूंगी। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि मुझे लोगों द्वारा चुना गया और वह केंद्र द्वारा चुने गए गवर्नर हैं। किसी ने फेसबुक पर एक तस्वीर पोस्ट की और पुलिस ने उस युवक को गिरफ्तार कर लिया। तो समस्या कहां है? जो लोग इस हिंसा में शामिल हैं मैं उन्हें चेतावनी देना चाहूंगी कि वह लोग आग से न खेलें। ममता बनर्जी ने दावा किया कि इस हिंसा के पीछे कुछ मुस्लिम और कुछ हिंदू नेता हैं। मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि कुछ धार्मिक नेता पैसे के बदले ऐसा कर रहे हैं। यह चौंकाने वाला है। कृपया मेरे धैर्य की सीमा की परीक्षा लेने की कोशिश न करें। मैं किसी विशेष समुदाय के पक्ष में नहीं हूं।