आश्रम पर कब्जे को लेकर आमने-सामने हुए थे संत

सुलतानपुर। श्री वेदांती आश्रम में शुरू हुई सात दिवसीय श्रीमद् भागवत
महापुराण कथा शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया। आनन-फानन में एसडीएम ने
अपने आदेश को निरस्त कर दिया। देर शाम तक कथा पुलिस की मौजूदगी में कथा
चलती रही, लेकिन स्त्रोताओं ने दूरी बना ली थी।

शहर के गोलाघाट स्थित श्री वेदांती आश्रम पर पूर्व वर्ष की भांति
गुरू पूर्णिमा के अवसर पर रविवार से 7 दिवसीय श्रीमद् भागवत महापुराण आदि
का आयोजन किया गया था। इसके लिए स्वामी मधुसूदनाचार्य जी महाराज ने
एसडीएम सदर प्रमोद कुमार पांडेय से अनुमति ली थी। आश्रम के भूतल में मंच
लगा और महाराज बटुक स्वामी और मधुसूदनाचार्य ने कथा शुरू किया तो आश्रम
के ही रामप्रपन्नाचार्य अपने साथियों के साथ पहुंच गए और कार्यक्रम का
विरोध करने लगे। सूचना पर कई थानों की पुलिस फोर्स आश्रम पहुंच गयी।
हालाकि पुलिस ने कथा को नही रूकवाया, लेकिन पुलिस और बवाल को देख
स्त्रोता भाग खड़े हुए।

आश्रम पर कब्जे को लेकर चल रहा विवाद

श्री वेदांती आश्रम के स्वामी ने मधुसूदनाचार्य और रामप्रपन्नाचार्य को
पाला-पोसा था। मौत के बाद आश्रम पर कब्जे को लेकर विवाद चला आ रहा है।
दोनों संत अपना-अपना आश्रम पर बताते है।

कार्यक्रम के आदेश को एसडीएम ने किया निरस्त

सात दिवसीय कथा को लेकर एसडीएम सदर ने नगर कोतवाली की आख्या पर आदेश दिया
था। एक दिन बाद यानि एसडीएम सदर ने बवाल को देखते हुए रविवार को अपने
आदेश को निरस्त कर दिया।

स्वामी मधुसूदनाचार्य ने नेताओं पर साधा निशना

स्वामी मधुसूदनाचार्य ने बताया कि अदालत से भी उनके हक में फैसला हुआ है।
सत्ता पक्ष के कुछ नेता और राजनैतिक लोग उनके कार्यक्रम का बेजा विरोध कर
रहे है। उनका कार्यक्रम हर वर्ष शांतिपूर्ण सम्पन्न होता है।

उपद्रव करने वालों पर होगी कार्यवाही

नगर कोतवाली प्रभारी अजय त्रिवेदी ने बताया कि कार्यक्रम स्थल पर बवाल
करने वाले लोगों पर पुलिस की नजर है। उपद्रव करने वालों को बख्शा नही
जाएगा।