आसिफ मिर्जा

सुलतानपुर। एसपी के एक्शन में आते ही पुलिस के ठेकेदारों में हड़कम्प मच
गया है। मुकदमों में कार्यवाही न करने और दागी वर्दीधारियों पर एक्शन का
सिलसिला भी तेज हो गया है। डकैती के मामले में निलम्बित हुए कुड़वार एसओ
की जगह पर अजय यादव को जिम्मेदारी सौंपी गयी है।

पुलिस अधीक्षक रोहन पी कनय ने भ्रष्टाचार मिटाने और अपराधियों के
खिलाफ अभियान छेड़ दिया है। जिसके तहत थाने के कई मुंशियो पर गाज गिर चुकी
है। तमाम ऐसे वर्दीधारी थे जो नेताओं की चैखट चूम कर डयूटी बजाना चाह रहे
थे, एसपी की कार्यवाही से उनके अरमानों पर पानी फिर गया। सूत्रों के
मुताबिक गैर जनपद तबादलें के बाद यह जिला कुछ वर्दीधारियों को ऐसा भाया
कि वह जुगाड़ के बूते फिर से लौट आए। एसपी की पारखी नजर वह बच नही पाए। कई
थानेदारों को कुर्सी गवानी पड़ी। गैर जनपद से आए दरोगाओं ने अपना तबादला
कराने का सिलसिला भी तेज कर दिया है। इसके अलावा कुछ दागी वर्दीधारियों
ने भी अपना तबादला कराना शुरू कर दिया है। सूत्रों का दावा है कि एसपी की
इस कार्यशैली से जनता को टरकाने की हिम्मत कोई वर्दीधारी नही जुटा पा रहा
है। इसके अलावा मेहनती वर्दीधारियों को इनाम भी मिल रहा है। बानगी के तौर
पर डकैती और जानलेवा हमले के आरोपियों को कुड़वार एसओ देवेश सिंह सत्ता
पक्ष के दबाव में आकर बचा रहे थे। जिन्हे निलम्बित कर टीएसआई अजय यादव को
कुड़वार थाने की जिम्मेदारी दी गयी है।

चिन्हित स्थानों पर तय होती थी थानेदारी

एसपी रोहन पी कनय और पवन कुमार के चार्ज लेने के पहले कुछ चिन्हित
स्थानों पर गैर जनपद से आए दरोगाओं और थानेदारों को चार्ज दिलाने की
गारंटी दी जाती थी। सुबह शाम कप्तान की सलामी के बजाय दलालों के यहां
वर्दीधारी हाजिरी लगाते थे। एसपी रोहन पी कनय के चार्ज लेने के बाद
दलालों का काकश टूट गया। अब ऐसे स्थानों पर चार्ज लेने की चाह रखने वाले
वर्दीधारियों की आमद भी कम हो गयी है। वजह यह है कि जुगाड़ के बूते चार्ज
पाए कई दरोगाओं पर गाज गिर चुकी है।