नई दिल्ली: चीन ने भारतीय सेना के एक बंकर पर बुलडोजर चला दिया है। समाचार एजंसी पीटीआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि भारत, चीन और भूटान के जंक्‍शन पर सेना के एक बंकर को हटाने की गुजारिश चीन की तरफ से हुई थी। भारत ने मना किया तो चीन ने जबरन बंकर ढहा दिया। यह घटना जून के पहले हफ्ते में सिक्‍क‍िम के डोका ला जनरल क्षेत्र में हुई, जिसके बाद भारत-चीन बॉर्डर पर तनाव बढ़ गया है। सिक्‍किम से लगी सीमा पर भारत कई नए बंकर बना रहा है और पुराने बंकरों को दुरुस्‍त कर रहा है, यह कवायद चीन को रास नहीं आई। भारत-चीन के बीच जम्‍मू-कश्‍मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 3,488 किलोमीटर की सीमा है। इसमें से 220 किलोमीटर सिक्किम में आता है। बीजिंग बीते दिनों तिब्‍बती धर्मगुरु दलाई लामा के अरुणाचल दौरे को लेकर पहले ही नाराजगी जता चुका है। पीटीआई के मुताबिक, चीनी सैनिक सिक्किम के अलावा आगे के क्षेत्रों में तनाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि सीमांकन हो चुका है। सिक्किम सरकार ने केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट भेजकर डोका-ला की घटना के बाद पैदा हुए हालातों की जानकारी दी है।

भारत और चीन के बीच जारी तनाव के चलते कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर निकले करीब 50 श्रद्धालुओं को नाथू ला बॉर्डर से वापस लौटा दिया गया था। तीन दिन तक नाथू ला में चीन की तरफ से इजाजत मिलने का इंतजार करने के बाद तीर्थयात्री 23 जून केा वापस गंगटोक आ गए। दूसरी तरफ, भूटान ने चीनी राजदूत को डिमार्श जारी करते हुए कहा है कि वह डोकलाम क्षेत्र में पहले जैसी स्थिति बहाल करे जहां चीनी सैनिक अपनी मर्जी से सड़क बना रहे हैं।

चीन ने भारतीय सैनिकों पर अपनी सीमा के ‘उल्लंघन’ का आरोप लगाया है और उन्हें वापस लौटने को कहा है। लु ने कहा, “वहां के हालात पर आपात प्रतिक्रिया के रूप में तीर्थयात्रा रोकनी पड़ी। मैं कहना चाहता हूं कि तीर्थयात्रा शुरू करने के लिए आवश्यक माहौल तथा हालात की जरूरत है।” उन्होंने कहा, “इसलिए इसकी पूरी जवाबदेही भारतीय पक्ष की है और यह कब पुन: शुरू होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि भारतीय पक्ष अपनी गलती सुधारता है या नहीं।”