लखनऊ। गीता परिवार उ.प्र. ने गर्मियों की छुट्टियों मंे 100 संस्कार पथ शिविर आयोजित करने का संकल्प लिया था। रूपल शुक्ला ने बताया कि 90 शिविर अब तक पूर्ण हो चुके है। लगभग 10 हजार बालक-बालिकाओं ने शिविरों से विविध ज्ञानार्जन, आत्मरक्षा के गुर, योगासन, श्रीमद्भगवद््गीता के श्लोकों, विविध स्त्रोत, रचनात्मक कार्यशालाओं को सीखने का मौका मिला। बच्चों को भी अपनी-अपनी प्रतिभाएं को प्रदर्शित करने का मौका दिया गया।

गीता परिवार के तत्वावधान में मंगलवार को 8 बाल संस्कार पथ एवं व्यक्तित्व विकास शिविरों समापन किया गया। पीयूष जायसवाल ने बताया कि दुर्गा शिव मंदिर, मालवीयनगर मंे, हनुमान मंदिर, कायमखेड़ा में, इन्द्राणी पार्क, इन्द्राणीनगर मंे, पीडब्लूडी कालोनी पार्क, राजेन्द्रनगर में, बापू बाल स्कूल, चित्ताखेड़ा में, एलडीए कालोनी पार्क, मालवीयनगर में, झूला पार्क, ऐशबाग में, घरौदा, गोमतीनगर में शिविरों का समापन किया गया। झूला पार्क में सुधीर मिश्रा, पूर्व पार्षद तिलकनगर वार्ड, घरौदा में शचि सिंह, अध्यक्ष एहसास संस्था, संध्या मिश्रा, शेल्डर इंचार्ज शिविरों समापन पर मुख्य अतिथियों में उपस्थित थी। समापन अवसर प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। झूला पार्क में अनामिका मिश्रा के निर्देशन में बच्चों ने शिविर वृतान्त प्रस्तुत किया। ध्रुव साधना में मानसी सिंह, शिवा, अर्जुन साधना में नैना, गौरी, रचनात्मक कार्य मंे खुशी, गीता संथा में देविसा, आदर्श, दामोदर स्त्रोत में कौशकी, ध्यान, कृष्णनाम में नेहा लोधी, योगासन में नैन्सी गुप्ता, गीत, स्त्रोत में रोशन और तरंग में गौरी, रोशन, अनीष, अदिति, शिवा को मुख्य अतिथि ने पुरस्कृत किया। झूला पार्क में ममता रानी, घरौदा में अमन गुप्ता समापन का संचालन कर रहे थे। मनोगत में अनुराग पाल, मोनिका अवस्थी शिविर अनुभव बताये कि हमें जल का अनावश्यक उपयोग नहीं करना चाहिए, पर्यावरण का संरक्षण करना चाहिए पेड़-पौधे रहेंगे हम सभी को शुद्ध वायु प्राप्त होगी।