लखनऊ: किसी भी सरकार के लिए औद्योगिक विकास की नीति को बनाना सर्वोच्च प्राथमिकता होती है. जिसकी जिम्मेदारी औद्योगिक विकास विभाग की होती है लेकिन 100 दिन पूरे होने पर योगी सरकार औद्योगिक नीति तय नहीं कर पाई है.

विकसित उद्योग, सुगम व्यापार…चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र में उद्योगों के लिए यही कहा था. लेकिन 100 दिन में सरकार न तो उद्योगों को विकसित करने में और न ही व्यापार को सुगम करने में एक कदम बढ़ा सकी.

संकल्प पत्र में व्यापारियों के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम, निवेश को बढ़ावा देने के लिए इन्वेस्मेंट प्रमोशन बोर्ड व्यापारियों के बीच विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थता प्राधिकरण गठन करने की बात कही गई.

व्यापारियों के हितों की रक्षा के लिए व्यापार कल्याण बोर्ड की स्थापना, सरकार समर्थित ई-कामर्स पोर्टल के जरिए अंतर्राष्ट्रीय बाजार उपलब्ध कराने का वादा किया गया था. लेकिन अब तक उद्योग औऱ व्यापार से जुड़े हर सवाल का जवाब औद्योगिक विकास मंत्री सतीष महाना के पास एक ही है कि हमारी औद्योगिक नीति जल्द आएगी.