विपक्षियों की पिटाई से पांच दिन बाद हुआ गर्भपात

सुलतानपुर। योगी राज में एक माॅ अपने नवजात शिशु की लाश लेकर इस आस में अधिकारियों के दफ्तर का चक्कर लगा रही है कि उसे न्याय मिल जाएगा। पिटाई से हुए गर्भपात के बाद महिला ने मामले की शिकायत थाने पर भी किया था। हालाकि जब झोले में शव लेकर महिला पुलिस अधीक्षक के द्वार पहंुची तो उसे देखने वालों का ताता लग गया।

मामला चांदा कोतवाली के छापर गोला गांव का हैै। आरोप है कि बीते 12 जून की सुबह गडढ़ा खोदने के विवाद में मेवालाल आदि ने सुभाष की गर्भवती पत्नी गीता देवी की पिटाई कर दी थी। मामले की शिकायत कोतवाली मे की गयी, लेकिन एफआईआर दर्ज करना तो दूर गीता देवी का मेडिकल तक नही कराया गया। इतना ही नही गीता देवी ने बीते 15 जून को पुलिस अधीक्षक से न्याय से गुहार लगायी। एसपी के निर्देश पर जब पीड़िता थाने पहुंची तो उसे भगा दिया गया। चोट की वजह से 17 जून की सुबह गीता देवी का गर्भपात हो गया। शनिवार को गीता देवी नवजात के शव को झोले में भरकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची। जहां पर उच्चाधिकारियों को उसने व्यथा सुनाई। अधिकारियों ने मामले की जांच कर कार्यवाही के लिए निर्देशित किया।

कोतवाली प्रभारी अनिल सोनकर ने बताया कि घटना वाले दिन आरोपियों का 151 के तहत चालान किया गया था। गर्भपात की पुष्टि हो गयी है। समुचित धाराओं की बढ़ोत्तरी कर ली जाएगी। एसपी रोहन पी कनय ने बताया कि पीड़िता को हर हाल में न्याय दिया जाएगा।